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देश में शुक्रवार को फिल्म द केरल स्टोरी रिलीज हो गई है। सिनेमा घरों में फिल्म के रिलीज के बाद लोगो का फिल्म का खूब प्यार देखने को मिल रहा है। विवादो में रहने वाली फिल्म द केरल स्टोरी को लेकर मुस्लिम विरोधी फिल्म बताया जा रहा है, तो वही इस फिल्म को देशभर के संतो का भरपूर समर्थन मिल रहा है। धर्म की नगरी काशी में फिल्म द केरल स्टोरी के समर्थन में संत फिल्म देखने के लिए सिनेमा घर पहुंचे। वाराणसी के सिगरा स्थित आईपी मॉल में फिल्म देखने पहुंचे अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती के साथ बड़ी संख्या में पहुंचे धर्म गुरुओं और संतो ने देशवासियों से फिल्म देखने की अपील किया।

फिल्म द केरला स्टोरी (movie the kerala story) को देखने पहुंचे अखिल भारतीय संत समिति (Sant Samiti) के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती (Swami Jitendranand Saraswati) ने फिल्म को लेकर कहा कि फिल्म द केरला स्टोरी को देखने के लिए वह संतो के साथ पहुंचे है और देशवासियों के समान लव जिहाद की सच्चाई को बयां करती इस फिल्म को सभी को देखना चाहिए। स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि इस राष्ट्र की एकता और अखंडता और हिंदुस्तान की एक राज्य को टारगेट करके कितनी बड़ी साजिश हुई है, की 32000 लड़कियां केरल से गायब हुई। इसके पश्चात वह जिन परिस्थितियों में पहुंच गई आतंकी संगठन आईएसआईएस के लिए जिस्मानी संबंध के लिए जिस प्रकार से वह इस्तेमाल हुई, इसके साथ ही उन्हें आत्मघाती दस्ते के रूप में इस्तेमाल किया गया। इस फिल्म को लेकर मेरा यही कहना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सिर्फ एक पक्षीय नहीं है। कल तक जो लोग बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के बहन होने पर रो रहे थे, वहीं केरल हाईकोर्ट में इस फिल्म को बैन कराने के लिए पहुंचे थे। ऐसे में उनको यह संदेश है कि अभिव्यक्ति की आजादी एकपक्षीय नहीं बल्कि अभिव्यक्ति की आजादी सबके लिए एक समान होना चाहिए। देशवासियों से यही अपील है कि यदि देशवासी राष्ट्र की एकता और अखंडता को चाहते हैं, तो हिंदू अपनी बहन बेटियों को समझाएं और इस फिल्म के माध्यम से यही बताने की कोशिश की गई है।

 वही फिल्म देखने पहुंचे पातालपुरी मठ (Patalpuri Math) के महंत बाबा बालक दास ने कहा कि द केरल स्टोरी जो फिल्म आई है वह कहीं ना कहीं सच्चाई है। फिल्म एक आईना होता है और इस सच्चाई को सभी को देखना चाहिए। अब तक जो पिक्चरें बॉलीवुड की तरफ से बनती आई व कहीं ना कहीं सनातन धर्म (religion) का अपमान करती आई है। अब फिल्मों में सच्चाई दिखाई जा रही है तो ऐसे में संत समाज भी फिल्म देखने के लिए पहुंचा है। देश में एक मैसेज देने का काम है कि जब संतो ने फिल्म को देखा तो सभी को इस फिल्म को एक बार देखना चाहिए कि क्या सच्चाई है। जिस प्रकार से लव जिहाद को बढ़ावा दिया गया है इस फिल्म के माध्यम से दिखाया गया है।

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