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अयोध्याः पहुंची शालिग्राम जनकपुर से अयोध्या लाए गए देवशिला समर्पण के बाद श्री राम जन्म भूमि ट्रस्ट को शालिग्राम भेंट किया गया. जानकी मंदिर के महंत तपेश्वर दास ने श्री राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को भेंट दिया.  वही जनकपुर से रामशिला लेकर आए हुए लोगों ने बताया कि बहुत लंबी यात्रा थी. हम लोग 30 तारीख से नेपाल के जनकपुर से चले हैं, यात्रा में हम लोग कई जगह रुक कर विश्राम किया. जनकपुर से अयोध्या तक राम जी की शिला का जगह-जगह स्वागत और पूजन अर्चन किया गया. हम लोगों को बहुत अच्छा लगा हम लोग पूरे श्रद्धा भाव से रामशिला लेकर अयोध्या पहुंचे हैं.

 अयोध्या आकर हम लोगों को बहुत अच्छा लग रहा है हम लोग पहली बार अयोध्या आए हैं और कहा कि हम लोग माता सीता की नगरी जनकपुर से आए हैं राम नगरी में पहुंचकर हम लोगों को बहुत अच्छा लग रहा है. जनकपुर से आए कुछ श्रद्धालु लोगों ने कहा कि अवध और मिथिला का पुराना संबंध है. अवध मिथिला का रामायण कालीन वैवाहिक जो संबंध है. फिर से एक बार जीवंत बनाया गया है. यह लाखो वर्ष पुराना एक ऐतिहासिक क्षण है. नेपाल के गंडकी प्रदेश है हम लोग गंडकी नदी से शिला लेकर आए हैं. हम लोग आठ रोज से चलकर कल मध्य रात्रि में अयोध्या पहुंचे हैं.

 आज अयोध्या में शिला पूजन का कार्यक्रम हुआ. शिला को लेने से पहले वैज्ञानिकों के द्वारा इस शिला की पहचान की गई कौन सी शिला अच्छी रहेगी. उसकी जांच परख किया गया. जो अनंत काल तक जीवित रह सके. ये नेपाल की काली गंदगी से लाई हुई. राम शिला है अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है और प्रभु श्री राम की बालस्वरूप की मूर्ति बनने की बात हो रही है. यह भारत और नेपाल के संबंध को और मजबूती देगा मिथिला अवध के संस्कृत संबंधों को शिला के माध्यम से जीवित किया जा रहा है. वही रामशिला अयोध्या पहुंचते ही अयोध्या के साधु-संतों में काफी उत्साह देखने को मिला है.

रिपोर्ट-  सोनू चौधरी

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