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सिंगरौलीः जिले की प्रशासनिक व्यवस्था लचर पचर होती दिखाई दे रही जो अपने घर का सगा नहीं वह दूसरों का क्या पूरा मामला सिंगरौली मुख्यालय पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभागार पर आधारित है जहां कल रविवार को प्रातः 11:30 बजे से प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई जहां एक अलग माहौल देखने को मिला जिससे प्रशासनिक विभाग से लेकर पूरे लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। 

 एक सनसनी मची हुई है आखिर एक पुलिस मुख्यालय की तस्वीर वायरल होती देख सब दंग रह गए यह तस्वीर प्रेस कॉन्फ्रेंस सभागार की जहां पत्रकारों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के पहुंचने के पहले करीब 50 की संख्या में पुलिसकर्मियों के समूह के बीच में अमित अग्रवाल नामक युवक सभागार में एसपी के कुर्सी पर बैठ मनगढ़ंत कहानियां भाषण दे रहा था। जिसकी फोटो काफी वायरल हो रही है सवाल सिर्फ एक कुर्सी की नहीं बल्कि उस पद और गरिमा की है जिले के मुख्यालय वह भी पुलिस अधीक्षक की कुर्सी पर बैठ आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं। 

 अमित अग्रवाल क्या अपने आप को सिंगरौली के एसपी समझ बैठे डर भी नहीं लग रहा की यह कुर्सी एसपी का है या कलेक्टर का और सवाल सबसे बड़ा 50 की संख्या में वहां पर पुलिस बल मौजूद जिनमें से एक भी लोगों ने मना नहीं किया की यह उनके साहब की कुर्सी हैं इससे सिद्ध होता है कि जिले की पुलिस बल खुद कप्तान साहब से असंतुष्ट है क्योंकि सिंगरौली की पुलिसिंग पुलिस बल अगर कप्तान साहब को अपना समझती तो आज फोटो वायरल फोटो दिखाई न देता इस पूरे मामले पर क्या एसपी या फिर आईजी रीवा कर पाएंगे कार्यवाही बचा पाएंगे कुर्सी की लाज

 पुलिस सभागार में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कथित मीडिया प्रभारी अमित अग्रवाल के द्वारा गणमान्य पुलिस अधीक्षक के आसन पर बैठते हुए परिलक्षित हुए जहां समस्त पुलिस के आला अधिकारी विद्यमान थे ऐसी स्थिति देखने के बाद इस बात का एहसास होता है कि इतने बड़े सभागार में क्या कोई भी सज्जन पुलिस अधिकारी नहीं था कि  वरिष्ठ की सम्मानित कुर्सी पर बैठना उचित नहीं होता। 

 कुर्सी खाली हो तो भी ऐसे वरिष्ठ की कुर्सी पर बैठना किसी भी स्थिति में उत्तम नहीं है यह बहुत ही गरिमा को धूमिल करने के समान है हम पुनः इस बात को इन शब्दों के माध्यम से प्रसारित करना चाहेंगे की किसी भी विशिष्ट आयोजन पर ऐसे सम्मानित आसन पर ना बैठने के लिए आवाहन करने का कष्ट करें क्योंकि यह बहुत ही गलत बात है अगर इसी तरह से इन सभी बातों को प्रथम दृष्टया दरकिनार करते रह गए तो शायद आने वाले अन्य कार्यक्रमों में भी इसी प्रकार से अन्य लोग सम्मानित कुर्सियों पर बैठने का कष्ट करते रहेंगे.

रिपोर्ट- आर के शर्मा 

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