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भदोहीः सच्ची मित्रता में स्वार्थ सिद्धि व गरीबी अमीरी का भेदभाव नहीं होना चाहिए,जीवन में मित्र के सुख दुख व अमीरी गरीबी में काम आने के लिए कृष्ण और सुदामा की मित्रता का अनुकरण  करना जरूरी है. श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन आचार्य राम मूर्ति महाराज सातवें दिन सुदामा चरित्र की कथा सुनाकर श्रद्धालुओं को मित्र के सभी सुख- दुख की घड़ी में साथ देने के लिए प्रेरित किया. 

उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने सुदामा के घर पहुंचने पर जो आदर व सेवा भाव देखकर एक सच्ची मित्रता का उदाहरण पेश किया है. वह हमेशा अनुकरीय रहेगा कथा पूर्णाहुति पर श्रद्धालुओं ने फूलों की होली खेली मुख्य यजमान राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला के साथ डॉ जीपी शुक्ल ने सपत्नी आरती पूजन किया और आचार्य जी को मुकुट पहनाकर अभिवादन किया. 

कथा के अंतिम दिन गुरुवार को बड़ी संख्या में पहुंचे कथा प्रेमी भक्ति की बह रही रसधार मे डुबकी लगाते रहे. इस मौके पर जगदीश शुक्ल,राकेश पांडेय शिवेद्र सिंह,संजय तिवारी,रंगलाल यादव आदि रहे.
 

रिपोर्ट- जलील अहमद

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