अमेठी-राजकीय बालिका पॉलिटेक्निक कॉलेज की छात्राओं ने अपने हुनर का कमाल दिखाते हुए दिव्यांगों के लिए बनाई सेंसर युक्त ब्लाइड स्टिक ,जिससे दिव्यांगों को चलने में नहीं लेना पड़ेगा किसी दूसरे का सहारा, सेंसर की आवाज से किसी वस्तु, व्यक्ति, पेड़, पौधे से टकराए बिना दिव्यांग तय कर सकेंगे अपना रास्ता जिसको लेकर वहां के अध्यापकों और बालिकाओं में दिखा उत्साह।यह भावना दोनो छात्राओ को समाज में दिव्यांगों के होने वाली परेशानियों को देखकर मन में उत्पन्न हुए भावों से प्रेरित होकर दिव्यांगों के लिए कुछ करने की भावना जागृत हुई जिसके बाद छात्राओं ने अपने पढ़ाई के दौरान ही दिव्यांगों के लिए एक सहारे के रूप में सेंसर युक्त ब्लाइंड स्टिक का निर्माण कर डाला यही नहीं छात्राओ के मन में दिव्यांगों के लिए अन्य उपकरण बनाने का उत्साह अभी भी मन में है
साक्षी तिवारी ने बताया कि मैंने कई जगह देखा है कि दिव्यांगों को कहीं भी आने-जाने के लिए सहारे की जरूरत पड़ती है और कोई उन्हें सहारा देने को तैयार नहीं होता,इस छड़ी के माध्यम से ये लोग कहीं भी आ-जा सकेंगे और दुर्घटना से अपना बचाव कर सकेंगे,क्योंकि इसमें सेंसर लगा है जो किसी भी व्यक्ति,दीवाल से लगभग 1 मीटर दूरी पर ही बजने लगेगा,जिससे दिव्यांग अपना रास्ता बदल कर दूसरी जगह से जा सकते हैं
रुचि वर्मा ने बताया कि मैंने अपने गांव में देखा है कि,दिव्यांगों को लोग कुछ दिन तो सहारा देते हैं,पर उसके बाद कोई उनकी सुनने वाला नहीं होता इस छड़ी के माध्यम से उन्हें किसी के सहारे की जरूरत नहीं होगी,और दिव्यांग अपना रास्ता खुद तय कर सकेंगे,इस छड़ी से दिव्यांग कहीं भी आ-जा सकेंगे,और दुर्घटना से पहले ही इस छड़ी का सेंसर उन्हें बज़र के माध्यम से जानकारी प्रदान करेगा,जिससे वे अपना बचाव कर सकेंगे.
राजकीय बालिका पॉलिटेक्निक के प्रधानाचार्य संदीप कुमार सिंह ने बताया कि हमारे कॉलेज की दो बालिकाओं ने दिव्यांगों के लिए जो छड़ी बनाई है उससे दिव्यांगों के आवागमन में हो रही बाधा से दिव्यांगों को निजात मिलेगी, दिव्यांग किसी के सहारे के बिना कहीं भी आ-जा सकेंगे जहां दुर्घटना की संभावना होगी वहां इस इलेक्ट्रॉनिक छड़ी में लगे सेंसर के माध्यम से दिव्यांगों को जानकारी हो जाएगी और वह अपना बचाव करके दूसरे रास्ते से जा सकेंगे इस छड़ी के माध्यम से दिव्यांग किसी भी दुर्घटना से भी अपना बचाव कर सकेंगे.
रिपोर्ट- हंसराज सिंह