सुल्तानपुरः दुबई में (LK) बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी में प्लंबर का काम करने वाले सुल्तानपुर के एक मजदूर की पांच दिन पूर्व मौत हो गई थी. शुक्रवार को जब शव घर पहुंचा तो कोहराम मच गया, देर शाम मुस्लिम रीति रिवाज के साथ शव को सुपुर्द ए खाक किया गया.
बताते चलें की प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के हलियापुर थाना क्षेत्र के कस्बा निवासी महताब आलम (32) वर्ष पुत्र अब्दुल लतीफ पिछले 8 वर्षों से दुबई में (एलेक) बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी में प्लंबर यानी मजदूरी का काम करते थे. पिछले लगभग 3 माह पूर्व दुबई से वो घर आया था. यहां आकर अपने घर का नव निर्माण कराकर 5 जून को यहां से वो अपनी ड्यूटी के लिए दुबई के लिए रवाना हो गया था, 11 जुलाई की रात 12 बजे के आसपास वह अपने कमरे में तीन से चार साथियों के साथ खाना खाकर लेटा की अचानक सीने में दर्द हुआ.
वहीं, अचानक दिल का दौरा पड़ने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई. उसके साथ कमरे में रह रहे अन्य कर्मचारियों द्वारा वहां की स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया. दुबई पुलिस ने मौके पर डेड बॉडी को कब्जे में लिया और समस्त औपचारिकताएं पूरी की.
मृतक के दोस्त ने फोन से हलियापुर महताब आलम के घर वालों को सूचना दी. जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया. मृतक की पत्नी ने हलियापुर निवासी भाजपा नेता हिंदेश सिंह के माध्यम से अमेठी सांसद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से शव मंगवाने के लिए गुहार लगाई थी तब कही जा कर स्मृति ईरानी के अथक प्रयास से आज शव उसके घर पहुंचा. साथ ही साथ अवगत कराते चलें की स्मृति ईरानी ने भारतीय दूतावास से सम्पर्क कर डेड बॉडी को यहां पहुंचाने में मदद की.
डेड बॉडी के साथ दुबई से आए कंपनी के कर्मचारी रिजवान ने बताया कि हम लोग दुबई से फ्लाइट से आज सुबह 10:30 बजे लखनऊ पहुंच गए. कंपनी के ही खर्च पर वहां से एंबुलेंस कर डेड बॉडी को महताब के घर पर लेकर पहुंचे. इस घटना को जहां पर जिसने भी सुना वो घर की तरफ दौड़ चला. देखते ही देखते सैकड़ों लोगों की भीड़ दरवाजे पर पहुंच गई.
परिवार में मातम का माहौल सा छा गया. परिवार वालों ने डेड बॉडी को मुस्लिम रीत रिवाज के साथ आज दफन कर दिया है. इसके साथ ही महताब आलम के पिता अब्दुल लतीफ खां बेहद ही गरीब मजदूरी करके अपने घर के खर्च चलाते हैं. इनके 6 बेटे थे जिसमें दो का देहांत पहले ही हो चुका था. घर में कमाने वाला महताब आलम ही एक लड़का था. महताब आलम के तीन बच्चे हैं जिसमें एक लड़की पलक 14 वर्ष तथा दूसरी लड़की एरम 7 वर्ष छोटा बेटा मोहम्मद तारिक 3 वर्ष है। बच्चों की मां शायदा बानो का रो-रो कर बुरा हाल है.
शव के साथ आए कंपनी के कर्मचारी रिजवान ने बताया महताब आलम का इंश्योरेंस का कंप्लेंन हो गया है. उन्हें इंश्योरेंस भी मिलेगा. कंपनी उनके परिवार को मुआवजा के तौर पर कुछ रकम देने पर भी विचार कर रही है.
रिपोर्ट- फैयाज खान