Shaurya News India
इस खबर को शेयर करें:

वाराणसीः बताते चलें कि जनपद में नगर ग्रामीण अंचल,में प्राइवेट नर्सिंग होम तथा चिकित्सालय कुकुरमुत्ता की तरह चारों ओर खुल गए हैं. जिसमें पंजीकृत तथा अपंजीकृत दोनों शामिल हैं. लेकिन इसकी जांच घटना होने के बाद हो पाती है. ऐसी कुछ के नर्सिंग होम कोटवा मार्केट से लेकर लोहता मंडुआडीह से लेकर कलेक्ट्री फार्म तक कुछ नर्सिंग होम तथा चिकित्सालयों के बारे में समय-समय पर समाचार पत्रों में प्रकाशन होता रहता है.

 आज हम बात कर रहे हैं, काशी विद्यापीठ ब्लॉक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जहां पर गर्भवती महिलाएं बच्चा पैदा कराने जाती है. वहां के स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर्स आशा बहुओं को गर्भवती महिला के साथ लगा देती हैं. जिस पर प्राइवेट नर्सिंग होम सेटिंग गेटिंग रहता है. वहां पर आशा बहुएं पेशेंट को लेकर ,आशा बहुएं दिखाई देती है जब लोग प्रश्न पूछते हैं तो बताती हैं डॉक्टर से जहां मुझ को आदेश मिलता है वहां जाती हूं.

 आखिर कब तक पब्लिक के साथ नाइंसाफी होता रहेगा शासन प्रशासन स्वास्थ्य अधिकारी अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं समझ रहे हैं या इस कर्मकांड से वाकिफ नहीं है या तो इस स्थिति से उनको फायदा हो मैं शासन प्रशासन से अनुरोध करूंगा जितनी हॉस्पिटल से है उनकी जांच कराई जाए उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.

रिपोर्ट- जगदीश शुक्ला
 

इस खबर को शेयर करें: