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वाराणसीः अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए गए दो दिवसीय अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद के 40वे राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में वाराणसी पहुंची उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। 

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गांधी अध्ययन केंद्र सभागार में आयोजित इस सम्मेलन में वाराणसी के तमाम छात्र, प्रोफेसर और काशी के प्रबुद्ध जन शामिल हुए। योग और प्राकृतिक चिकित्सा के साथ नेचुरोपैथी के विकास पर जोर देते हुए राज्यपाल ने कहा कि "आज के आधुनिक युग में हम शुद्ध और सात्विक भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि हर चीज़ मे मिलावट की जा चुकी है। लेकिन इन सभी का एकमात्र इलाज ध्यान और समाधि है।

उन्होंने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा "शारीरिक और मानसिक विकास के लिए योग का होना बहुत जरूरी है हमें अपनी पुरानी जड़ों से जुड़कर भारतीय पुरातन संस्कृति और इसके सभ्यता को बनाये रखने के लिए कार्य करना होगा"।

इस संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद कुमार त्यागी ने अपने संबोधन मे प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कहा "यह हमारे लिए काफी गौरव का विषय है कि हम लगातर नेचुरोपैथी पर जोर देते हुए योग और गांधीवादी चिकित्सा शैली को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं।"

प्रो त्यागी ने बताया कि काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय में जल्दी ही नेचुरोपैथी पर स्नातक और परास्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जिससे यहाँ पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए अनेक अवसर मिलेंगे।

रिपोर्ट- रिम्मी कौर

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