सीखड़/मीरजापुर: जिला में कजली के लिए प्रसिद्ध जगह सीखड़ में परंपरागत कजली महोत्सव का आयोजन भाद्रपक्ष के उतरानी द्वादशी पर सीखड़ बाजार में किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान धन्जय मिश्रा के द्वारा माल्यार्पण अंगवस्त्र देकर कर किया गया.
सीखड़ की धरती पर ही सैकड़ों साल पहले जन्मे बफ्फत कवि जिन्होंने कजली के साथ ही एक से बढ़कर एक निर्गुण, भजन व अन्य रचनाएं लिखीं जिन्होंने विश्व स्तर पर अपनी छाप छोड़ी. आज महोत्सव में पधारे मीरजापुर जिले के मशहूर गायक मो॰ इस्लाम, जाल्हूपुर वाराणसी के जहांगीर के अखाड़े से रोजन अली, बफ्फत शायर के अखाड़े से मीरा सिंह सहित आधा दर्जन गायकों ने अपनी गायकी से लोगों का मन मोह लिया.
महोत्सव की शुरुआत रोजन अली और मीरा सिंह के द्वारा गायन कर सवाल जवाब के तहत किया गया. सीखड़ की धरती पर ही जन्मे नवोदित गायक जन्मेजय मिश्रा ने अपनी गायकी से लोगों का दिल जीत लिया.
इसी के साथ सुमिरिनी हरदम भजा करो तुम हरी के साथ बारहोमासी और श्रृंगार रस कि कजली गजब की बंसी बजती थीं, मुरलीधर कन्हैया जी के साथ बहुत ही सुन्दर गायकी लोगों को सुनाकर गायकों ने लोगों को पुराने दिनों की याद दिला दी।
इस अवसर पर गोक्षईया से विठ्ठलपुर के जिला पंचायत सदस्य के, के, सिंह प्रधान एवं उमेश चंद्र पाण्डेय, अशोक गुप्ता, तारकेश्वर मिश्रा, प्रभुनाथ त्रिपाठी दानी मिश्रा, अखिलेश त्रिपाठी मुकेश तिवारी,छेदी शेख, जिलानी मास्टर, सहित क्षेत्र के जनता उपस्थित रहीं। वहीं कदम कदम दैनिक समाचार पत्र के संपादक छोटेलाल शर्मा के द्वारा कजली महोत्सव में ₹1001 का अमूल्य धनराशि सहयोग में दिया गया.
रिपोर्ट- जगदीश शुक्ला