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अयोध्याः मरीजो की सेवा हेतु दी गई मशीने किसी काम के नहीं है. क्योंकि ये मशीने पिछले कई सालों से अस्पताल के कमरे में बंद पड़ी है. ये मशीने रोगीयों के इलाज के लिए उपल्बध कराई गई है. लेकिन इन मशीनों का हाल खुद बेहाल है.

अयोध्या के जिला अस्पताल में संस्था द्वारा दी गई डिजिटल एक्सरे मशीन दो वर्ष से  कमरे में धूल खा रही है.. सिर्फ सरकार ही नही कई संगठन जनता के स्वास्थ्य के लिए महगीं महगीं उपकरणे भेट करती है. पर अस्पताल प्रबंधक इनकी रखरखाव में भी सक्षम नहीं है. 2 वर्ष बाद जब मशीन बाहर निकली तो पता लगा की इसके वॉयर को चूहों ने कुतर दिया था.

 जिसे ठीक कराने का खर्चा अस्पताल प्रशासन नहीं उठाना चाहता हैं. एक तरफ सरकार अयोध्या जनपद को आधुनिक नगरी की संज्ञा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. तो दूसरी तरफ जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुँच रहा है.  

पिछले दिनों अयोध्या के सासंद लल्लू सिंह ने केंद्र सरकार के आठ वर्ष पूर्ण होने पर अयोध्या में विकास की बात का बखान करते हुए खूब वाह वाही बटोरी थी. यूपी में मेडिकल कालेज व एम्स जैसे अस्पतालों की संख्या में बढ़त की बात भी कही थीं. लेकिन उन्हें शायद यह ध्यान नहीं था कि इसी जिले में उनके आवास से मात्र दो किलोमीटर पर एक जिला चिकित्सालय भी हैं.  जहां पर करीब पांच वर्षो से सिटी हेड मशीन खराब पड़ी हैं. जिसके चलते मरीजों को दुसरे अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ते है.

मरीज राजेश सिंह ने बताया की वो अपने कमर का एक्सरे करने गए जहा एक्सरे साफ नहीं आया. इसके बाद उन्हे डिजिटल एक्सरे कराने के लिए बाहर जाना पड़ा जिसके लिए उन्हे 500 रु देने पड़े ऐसा ही हाल कई मरीजों का है.
 रिपोर्ट- सोनू चौधरी

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