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चंदौलीः जिला पंचायत राज अधिकारी ने सोमवार को शहाबगंज के ग्रामपंचायत अधिकारी चन्द्रबली सिंह को अपात्र वनवासियों को मुख्यमंत्री आवास में नाम डालने के कारण निलम्बित कर दिया। वही सेक्रेटरी के निलम्बन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।
विकास खण्ड कार्यालय से मुख्यमंत्री आवास के लिए 60 मुसहर जाति, 52 दिब्यांग व 4 दैवी आपदा की सूची जिले पर भेजी गई। जिसकी जांच जिला परियोजना अधिकारी सुशील कुमार ने एक मार्च 2023को किया। इस दौरान शहाबगंज के वनवासी बस्ती में जाकर स्थलीय निरीक्षण किया गया।
जहां चार लाभार्थियों में तीन को अपात्र घोषित कर दिया गया कि इनको पूर्व में सरकारी आवास का लाभ मिल चुका है। जबकि आवास की पात्रता सूची की जांच में कहीं नाम नही मिला। वही तीन स्तरीय कमेटी के द्वारा स्थलीय निरीक्षण किया गया।
उनके रिपोर्ट के बाद ही आवास की सूची तैयार की गयी थी। लेकिन लाभार्थियों को पात्र व अपात्र के चक्कर में पीडी के रिपोर्ट पर जिलापंचायत राज अधिकारी ब्रम्हचारी दूबे ने सोमवार को सेक्रेटरी को निलम्बित कर दिया। गांव में जाकर पूछताछ करने पर
ग्रामीणों ने बताया कि लाभार्थी तीजा पत्नी जितेन्द्र संयुक्त परिवार के साथ एक ही मकान में रहते है जो काफी जर्जर हाल में है। वही सीमेंट सेड डालकर जीवन यापन कर रहे है। वही गरीबन पुत्र रामनाथ का आवास जर्जर होने के कारण अपने बड़े पिता के मकान में रहता है। शिवानी पत्नी धर्मेन्द्र का कच्चा मकान जर्जर हाल में है।
वही लाभार्थियों का कहना है कि साहब लोग कैसे पात्र और अपात्र करते है हम लोगों को समझ में ही नहीं आ रहा। जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री सभी वनवासियों को आवास देने की बात करते है। अधिकारियों के जांच में तीन वनवासियों का आवास जहां कट गया। वही इनको पात्र करने वाला सेक्रेटरी भी निलम्बित हो गया।