आगराः प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ऑफ पेरेंट्स - टीम पापा का आज शहीद स्मारक पार्क मैं अभिभावक पंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों अभिभावकों के साथ मंथन किया गया अभिभावक शिकायत कर रहे थे कि पिछले वर्ष आरटीई के दाखिले के बाद विद्यालय अब उनके बच्चे को पढ़ाने के लिए फीस मांग रहे हैं. एक अभिभावक ने बताया बुक सेलर अभिभावकों के साथ किताबें खरीदने को लेकर बदतमीजी से पेश आते हैं किताबें केवल चयनित दुकान पर की उपलब्ध है.
किसी ने बताया एक विद्यालय का एलकेजी का सेट ₹4000 रुपये में मिल रहा है ,एक अन्य अभिभावक ने कहा किताबें एमआरपी रेट के ऊपर अधिक रेट का स्टीकर लगा कर के दी जा रही है. अभिभावकों की शिकायत रही विद्यालय उनकी फीस वापसी नहीं कर रहे और उन्हें टाला जा रहा है ,
दर्जनों शिकायत संस्था को पंचायत में सुनने को मिली. संस्था संरक्षक मनोज शर्मा ने संस्था के अन्य संस्थापको के साथ शिकायतों को संज्ञान में लेकर प्रशासन को भेजकर राहत प्रदान करने में सहयोग करने के लिए कहा, मनोज शर्मा ने बताया प्राइवेट विद्यालय हद से ज्यादा अभिभावकों का शोषण लगातार करते चले आ रहे हैं शिक्षा विभाग मौन है. मिशन बड़ा है , सँघर्स कड़ा है.
अभिभावकों की सुनवाई नहीं होती- उत्तर प्रदेश 2018 शिक्षा नीति के अनुसार किसी भी विद्यालय को यह अधिकार नहीं है कि वह अभिभावक को चयनित दुकान से किताबें स्कूल ड्रेस आदि खरीदने के लिए मजबूर करें किंतु कमीशन खोरी का खेल इस नियम की धज्जियां उड़ाने में कमी नहीं छोड़ता 15 % परसेंट फीस वापसी का आदेश आये 2 माह से अधिक बीत चुके हैं ,पर विद्यालय पूर्ण रूप से आदेश मैं वापसी की घोषणा नहीं कर रहे हैं.
जिसके लिए संस्था पुनः प्रशासन को अवगत कराएगी ,अगर विद्यालय अभिभावकों का हक जो माननीय न्यायालय के द्वारा उनको दिया गया है शासनादेश के द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं. बावजूद इसके अगर अभिभावक को फीस वापसी नहीं होती है तो संस्था कड़े निर्णय के साथ कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाएगी, अभिभावक गुल्लू भाई ने अभिभावकों के हित मे अनेको जानकारी पंचायत में अभिभावकों को बताई, अभिभावकों से संस्था के साथ हमेशा अपना सहयोग देने की बात कही.
उन्होंने जोर देकर कहा संस्था के साथ मिलकर आगे विस्तार की कोशिश में लग जाए गली गली के अंदर जब संस्था के साथी मौजूद होंगे तो विद्यालयों से शोषण के से मुक्ति पाने में तकलीफ कम होगी. संस्था ने विद्यालयों से फीस वापसी माँग पत्र का फार्म भी अभीभावको को वितरित किये ,संस्था ने चर्चा की विद्यालय छुट्टी के समय अपने विद्यालय में अभिभावकों को बैठने के लिए छत वाला हवादार स्थान दें. साथ ही अभीभावको के लिये पीने का पानी भी उपलब्ध रहे. भड़ती गर्मी में तपती धूप में अभिभावक अपने बच्चों के खतिर तड़पता है पर विद्यालय मानवता नहीं दिखाते ,अगर बरसात आ जाये या ओले पड़ जाये तो अभिभावक भीगेगा और घायल होगा इसकी चिंता कभी किसी ने नहीं की. प्राईवेट विद्यालय मात्र धन उगाही पर अपना ध्यान रखते है.
ऐसे शिक्षा व्यवसायी इस बात का भी उत्तर देने के लिए बाध्य होने चाहिये , अगर अभिभावक मोटी फीस देकर अपने बच्चो को पढ़ाते है. तो बच्चों के शिक्षा का स्तर कितना ऊपर कर के दे पाएंगे , बड़े विद्यालयों में पढ़ाने पर भी बच्चों ट्यूशन के लिये जाना पड़ता है. यह विद्यालयों के लिये ही शर्म की बात है एक तो अभिभावक पहले ही मोटी फीस भरता है ऊपर से ट्यूशन का खर्च अभिभावक को तोड़ता है. सरकारी शिक्षा को ,सरकार बल प्रदान करे ताकि माध्यम वर्गीय अभिभावक अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर सके हमारा मानना है एक पाठ्यक्रम सामान शिक्षा सभी को मिलें.
अभिभावक हितों की रक्षा के लिये सँघर्स संस्था का कर्म और धर्म है जो जारी रहेगा. कार्यक्रम में संस्थापक अरुण मिश्रा , शोभित जेटली , अमर सेंगर , प्रवीण सक्सेना , दीपक वर्मा , अरुण भाटिया , रुचि कोहली , योगेश शर्मा , नरेश भटनागर , ऋतु शर्मा , आदि सेकड़ो अभिभावक मौजूद रहे.
रिपोर्ट- आरती यादव