वारणसीः इस साल सावन का महीना 4 जुलाई 2023 से शुरू होकर 31 अगस्त 2023 तक रहेगा। इस साल सावन का महीना पूरा 58 दिन तक चलेगा ।
इसके अतिरिक्त किसी भी सोमवार को आप सामान्य लघु रूद्र अनुष्ठान करवा सकते हैं।माना जाता है कि रुद्राभिषेक के करने से हमारी कुंडली के सभी दोषों से मुक्ति मिलती है। सभी प्रकार के सांसारिक सुखो की प्राप्ति होती हैं।
रुद्राभिषेक अलग-अलग रूपों में किया जाता है। अपनी मनोकामना के अनुसार अलग-अलग प्रकार के द्रव्य एवं पूजन सामग्री द्वारा रुद्राभिषेक किया जाता है।
रूद्रहृदयोपनिषद में कहा गया है कि – ” सर्वदेवात्मको रूद्रः सर्वे देवाः शिवात्मका:” इसका अर्थ है सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र उपस्थित है और सभी देवता रूद्र की आत्मा है।हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना के लिए सावन के महीने को सर्वोत्तम माना जाता है। सावन के महीने में पूरे विधि विधान के साथ भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक किया जाता। सावन में रुद्राभिषेक को अधिक महत्व इसलिए भी दिया जाता है क्योंकि माना जाता है कि भगवान शिव इस महीने धरती पर अवतरित हुये थे।रुद्राभिषेक क्यों किया जाता है?
रुतम् – दुखम्, द्रावयति- नाश्यती तिरुद्रः अर्थात रूद्र रूप में प्रतिष्ठित भगवान शिव हमारे सभी दुखों को शीघ्र ही समाप्त कर देते हैं।
रुद्राभिषेक करने से हमारे जीवन के कष्ट दूर होते हैं एवं हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि एकमात्र भगवान शिव के पूजन से ही सभी देवताओं की पूजा भी स्वत: हो जाती है।
रुद्राभिषेक द्वारा हमें भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है रुद्राभिषेक के करने से कम ही समय में हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है तथा इच्छानुसार फल की प्राप्ति होती है।
भगवान शिव का अभिषेक करने से उस व्यक्ति की कुंडली से इन सभी दोषों को दूर करने में महत्वपूर्ण होता है।साल 2023 में सावन के महीने को बहुत ही खास माना जा रहा है क्योंकि इस साल सावन का महीना केवल 1 माह का नहीं बल्कि 2 माह का होगा। और माना जा रहा है कि ऐसा अद्भुत संयोग करीब 19 साल बाद बन रहा है। और भगवान शिव को प्रसन्न करने का आज दिनाक 21 अगस्त सबसे उत्तम और शुभ समय है और आज के दिन नागपंचमी होने से रुद्राभिषेक करने से मिलेगा दुगना फल ।
रिपोर्ट- अनिकेत शर्मा