Shaurya News India
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अयोध्या तहसील सोहावल के ग्राम बभनियावा लैंड जेहाद का एक मामला प्रकाश में आया शहर की एक होटल में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पीड़ित प्रभाकर सिंह ने बताया कि  जिहादियों ने विदेशी लुटेरे और  धार्मिक और सांस्कृतिक आततायी आक्रांताओं औरंगजेब, गजनबी, गोरी, हिमायूँ तैमूर, नादिरशाह, बाबर आदि के तर्ज पर दूरभिसंधि, छल-छद्म कर पूरे देश में सार्वजनिक, सरकारी, कमजोर वर्गों मंदिरों एवं भूमिधरी की जमीनों को वक्फ बोर्ड, कब्रगाह, मस्जिद मजार, ईदगाह के नाम पर जमीन को जनपद की सोहावल तहसील में अवैध रूप से चल रहा है इन विधि विरुद्ध अवैध कार्यों में हडपन, हथियाने का अवैध धन्धा, कृत्य अयोध्या निचले स्तर के राजस्व कमी हल्का लेखपाल व हल्काप्रभारी की भूमिका निन्दनीय है।


बताते चलें कि इसी क्रम में रौनाही क्षेत्र अंतर्गत निवासी ग्राम बभनियावाँ रौनाही का अराजकतत्वो का सरगना अजमत अली पुत्र बच्चू, जाहिद पुत्र जोखू, मोबीन पुत्र बेकारु, सद्दाम पुत्र हसन, नजीर पुत्र नूर मोहम्मद, नियाज, यूनुस, महमूद पुत्रगण सरदार आदि निवासी ग्राम बभनियावा लंबे समय से साजिशन कूटरचित कागजात हासिल करने एवं पीड़ित की भूमिधरी की जमीन पर गलत परंपरा के अंतर्गत पूर्व निर्धारित हनुमान चालीसा पाठ स्थल पर ही जमीन जिहादी नमाज पढ़ने की कोशिश में लगे हैं। बताते चलें कि गाटा संख्या 94 स्थित ग्राम बभनियावाँ तहसील सोहावल थाना रौनाही जनपद अयोध्या पीड़ित की पैतृक भूमिधरी जमीन जिसके खसरा व खतौनी आदि राजस्व अभिलेखों में कहीं भी ईदगाह दर्ज नहीं है जिसका उपयोग उपभोग प्रार्थी पूर्वजों के समय से करता चला आ रहा है। परंतु अराजक, जिहादी, लैण्ड जिहादी गैंग का गुर्गा स्थानीय सरगना अजमत अली जाली फर्जी हस्ताक्षरो द्वारा सुलहनामा की शर्तों के विरूद्ध मनगढन्त झूठे कथन, तथ्यहीन एवं भ्रामक प्रार्थना पत्र देकर शासन प्रशासन को गुमराह करने एवं छल-छद्म अवैधानिक अधिकार हासिल करने की कोशिश में भूमिधर खातेदारों को ही फर्जी अनुचित हथकंडे अपना कर झूठे मामले में फंसाने का प्रयास कर रहा है।
इसी क्रम में सन 1995 में पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा बनाया गया सनातन समाज के विरूद्ध वक्फ एक्ट संप्रदाय विशेष के लिए बना हथियार भी इस मामले में निष्प्रभावी है। योजनाबद्ध तरीके से लंबे समय से देश में लैण्ड जिहादी असामाजिकतत्व भूमि हथियाने का  काम करते आ रहे हैं  उच्चतम न्यायालय एवं  उच्च न्यायालय के दिशानिर्देश के बावजूद अवैध कब्जों को हटाने में स्थानीय प्रशासन उदासीन है जो राज्य सरकार की मंशा के भी विरुद्ध है पीड़ित आला अधिकारियों सहित सीएम योगी से शिकायत कर लगाई न्याय की गुहार।

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