बिरनो/गाजीपुर: जिले की एक ऐसा मामला सामने आया है कि पुलिस पर आरोप लगाने वाले ही खुद शर्मिंदा हो जाएंगे, हाल ही में बिरनो थाना अंतर्गत पवन अस्पताल में बनवासी परिवार की गर्भवती महिला व उसके बच्चे की ऑपरेशन के दौरान गलत नस कट जाने से मृत्यु हो जाती है और माहौल इतना गंभीर हो जाता है पीड़ित परिवार सड़क पर उतर कर अस्पताल वह डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई के लिए अड जाते हैं.
वहीं पुलिस विभाग को सड़क पर उतर कर पीड़ित परिवार व सैकड़ों लोगों को समझाने तक की नौबत तक आ जाती है, लेकिन एक तरफ आम जनता सस्ते और कम पैसे के लालच में खुद अपने व अपने परिवार के जीवन से खिलवाड़ करते हुए फर्जी अस्पतालों का सहारा लेती है वही कोई अनहोनी घटना घट जाने के बाद शासन, प्रशासन के लिए यही आम लोग सर दर्द का कारण बन जाते हैं.
क्या है पूरा मामला
पीड़ित परिवार जब सड़क पर उतर कर कार्रवाई की मांग करता है उस वक्त कासिमाबाद के थानाध्यक्ष कानून व्यवस्था को संभालते हुए पीड़ित परिवार को आश्वासन देते हैं कि आप निश्चिंत रहें मामले की पूरी गंभीरता को देखते हुए जांच उपरांत अस्पताल और अस्पताल के डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज होगा और सभी को जेल भेजा जाएगा, लेकिन उस दौरान थानाध्यक्ष द्वारा पीड़ित परिवार को समझाने के लिए और मामले की गंभीरता को देखते हुए कुछ शब्दों का अपराधियों के खिलाफ उपयोग किया गया.
जिससे कुछ लोगों ने उन शब्दों को ना समझते हुए गलत मायने निकाला, जब एक पुलिस अधिकारी किसी अपराधी को साहब कहे तो उस पुलिस अधिकारी को भ्रष्ट कहा जाता है लेकिन जब वही पुलिस अधिकारी किसी अपराधी को गाली देकर उसे उसके किए गए जुर्म की एहसास दिलाता है तो उसी पुलिसकर्मी को गालीबाज कहा जाता है यह कहां तक सही है.