Shaurya News India
इस खबर को शेयर करें:

वाराणसी: अखिल भारतीय धर्मसंघ के तत्वावधान में रविवार को ब्रह्मलीन जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज एवं काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष रहे स्व. आचार्य रामयत्न शुक्ल की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा मे काशी के विद्वत समाज ने दोनों महापुरुषों को नमन कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा की अध्यक्षता करते हुए धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज ने कहा कि जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद  जी के देवलोक गमन के दुःख से उबर भी नही पाए थे कि आचार्य रामयत्न शुक्ल जी का निधन हो गया। इनका दैहिक अवसान सनातन धर्म के लिए अपूर्णीय क्षति है। 

स्वामी स्वरूपानंद जी धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के शिष्य परम्परा के अंतिम कड़ी रहे, उनके निधन से सनातन धर्म का देदीप्यमान सूर्य अस्त हो गया। स्वामी करपात्री जी के सानिध्य में वें काफी समय तक धर्मसंघ में ही रहे। उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि वही होगी जब हम उनके बताए मार्गों पर चले। आचार्य रामयत्न शुक्ल के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए स्वामी शंकरदेव ने कहा कि  काशी में जब भी सनातन धर्म से जुड़ा प्रश्न खड़ा हुआ, शुक्ल जी ने शास्त्रोक्त तरीके से उसका समाधान किया।


उनका निधन सनातनी परम्परा के लिए बड़ी क्षति है। मुख्य वक्ता डॉ. वशिष्ठ त्रिपाठी ने कहा कि महाराज श्री जैसा व्यक्तित्व विरले ही अवतार लेते है जो स्वतंत्रता संग्राम में भी शामिल होते हुए सरस्वती की भी उपासना की। सनातनी परम्परा का अनुसरण और उसके मानबिन्दुओं को सर्वथा प्रतिष्ठित करने मे लगे रहे। आचार्य रामयत्न शुक्ल के विषय में उन्होंने कहा कि उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही है कि उनकी शिक्षा को, उनके शास्त्रार्थ परम्परा को उनके शिष्य आगे बढ़ाते रहे। अखिल भारतीय धर्मसंघ के प्रधानमंत्री डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि दोनों महापुरूषों का एक साथ जाना सनातन धर्म के साथ साथ काशी की व्यक्तिगत क्षति है। 
धर्मसंघ के प्रति दोनों महापुरुषों का विशेष अनुराग रहा।

इस अवसर पर काशी के अन्य विशिष्ट विद्वानों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन धर्मसंघ के महामंत्री पण्डित जगजीतन पाण्डेय ने किया। उनमें मुख्य रूप से प्रो. राम नारायण द्विवेदी, प्रो. ब्रजभूषण ओझा, पूर्व विधायक अजय राय, डॉ. गिरीश तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, प्रोफेसर अरविंद जोशी, डॉ. हरेंद्र राय, विश्वनाथ दुबे, चारुचंद्रराम त्रिपाठी, राघवेन्द्र चौबे, आशुतोष चौबे, अभिषेक मिश्रा, राजमंगल पाण्डेय, प्रताप बहादुर सिंह आदि ने भी विभूतियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।


रिपोर्ट- विवेक यादव

इस खबर को शेयर करें: