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Varanasi : वीर सावरकर वाहिनी सम्पूर्ण भारत के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के नेतृत्व में श्री राम एकेडमी रामपुर रामनगर जनपद वाराणसी में स्वतंत्रयवीर विनायक दामोदर सावरकर जी के 140वीं जन्मजयंती को प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जयंती को मनाया गया. जिस कार्यक्रम में वीर सावरकर वाहिनी के संस्थापक अर्जुन शर्मा योगी ने वीर सावरकर जी के जीवनी पर चर्चा की.

सभा पटल पर रखते हुए कहा कि सावरकर जी ने माता भूमि: पुत्रोऽहं पृथिव्या: को आत्मसात कर आजीवन मां भारती की सेवा में समर्पित रहे, भारतीय स्वाधीनता संग्राम के महानायक, दूरदर्शी विश्लेषक, लेखक, समाज सुधारक और हिन्दू हृदय सम्राट 'वीर' विनायक दामोदर सावरकर जी ने सबसे पहले पूर्ण स्वतंत्रता को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का  लक्ष्य घोषित किया और राष्ट्रध्वज तिरंगे के बीच में धर्मचक्र लगाने का सर्वप्रथम सुझाव भी वीर सावरकर ने ही दिया था वहीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सुचित पाठक ने अपने विचारों को रखते हुए कहा की आज वीर सावरकर को आत्मसात करके एक हिन्दू राष्ट्र की परिकल्पना कर सकते है सावरकर ने राष्ट्र के सर्वांगीण विकास का चिंतन किया.

वे एक ऐसे प्रथम राजनीतिक बंदी थे, जिन्हें विदेशी (फ्रांस) भूमि पर बंदी बनाने के कारण हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मामला पहुंचा और बंदी जीवन समाप्त होते ही उन्होंने अस्पृश्यता आदि कुरीतियों के विरुद्ध आंदोलन शुरू किया कार्यक्रम में मुख्य रूप से अर्जुन शर्मा योगी सूचित पाठक विकास बघेल अविनाश सिंह ऋतुराज चौबे आनंद शर्मा चंदन जायसवाल एवं अन्य वीर सावरकर वाहिनी के कार्यकर्ता उपस्थित रहे

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