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बांदा -जसपुरा ब्लॉक क्षेत्र के सभी ग्राम प्रधानों ने अखिल भारतीय प्रधान संगठन कमेटी के बैनर तले अपनी विभिन्न मांगो को लेकर एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन एडीओ आईएसबी प्रदीप अनुरागी को सौपा।जसपुरा ब्लॉक के ग्राम प्रधान संघ के ब्लॉक अध्यक्ष अमर सिंह यादव के नेतृत्व में ब्लॉक परिसर में प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर काम बंद कर अनिश्चितत कालीन हड़ताल व धरना पर रहते हुए अपनी कई मागों को लेकर एक ज्ञापन दिया।ब्लॉक अध्यक्ष अमर सिंह यादव ने बताया कि सिद्धार्थनगर नेपाल से सटा जिला है जहा नेटवर्क की गंभीर समस्या रहती है मोबाइल से हाजिरी नहीं लग पा रही है अतः मोबाईल मानिटरिंग व्यवस्था पर तत्काल रोक लगाई जाये पुरानी व्यवथा ही लागू हो।मुख्मंत्री के द्वारा की गई घोषणा के क्रम में मनरेगा में 5 लाख रुपए के वित्तीय स्वीकृति के अधिकार पंचायतो को और मनरेगा के भुगतान हेतु ग्राम प्रधान को डोंगल प्रदान किया जिससे भुगतान पंचायत द्वारा ही किया जा सके। मनरेगा का पैसा ग्राम पंचायतो के खाते में भेजा जाये जिससे लेवर और मटेरियल का भुगतान सुगमता पूर्वक किया जा सके।

जनपद में मनरेगा दवारा कराये गए कार्यों का बकाया मटेरियल व् लेवर के पैसे का भुगतान कराया जाए।केंद्रीय वित्त और राज्य वित्त की धनराशि पंचायतो में वर्तमान आबादी के हिसाब से पाच गुना बढाई जाये।ग्राम प्रधान और अन्य ग्राम पंचायत के सविदा कर्मियों का मान दे विद्युत बिल का भुकतान अलग से धनराशि पंचायतो को उपलब्ध कराई जाये।ग्राम पंचायत सचिवालय के कुशल संचालन हेतु दो लाख रूपये प्रति वर्ष ग्राम निधि में प्रदान किया जाये।ग्राम रोजगार सेवकों का तबादला एक से दूसरे पंचायतो में करने की नीति बनाई जाये।ग्रामप्रधान को नियुनतम मानदेय तीस हजार प्रति माह प्रदान किया जाये। ग्राम सचिवों के तैनाती हेतु तत्काल क्लेस्तर व्यवस्था समाप्त कि जाये नए नियुक्ति पर।

ग्राम पंचायत को कार्यदाई संस्था माना जाए और प्रति पंचायत में एक स्थाई सचिव तैनात किये जाये। ग्राम पंचायत को कार्यदाई संस्था माना जाये और प्रति पंचायत एक स्थाई जेई की तैनाती प्रदान की जाये। ग्राम पंचायत की शिक्षा समित को मूल समित मानते हुए विद्यालय प्रबन्ध समित को तत्काल समाप्त किया जाये।ग्राम प्रधानों के अनुरोध पर शस्त्र लाइसेंस वरीयता के आधार पर प्रदान किया जाये।ग्राम पंचायत के भू भाग पर बिना पंचायत की अनाधिपति प्रमाण पत्र के किसी भी कार्यदाई संस्था कार्य करने की अनुमति प्रदान न की जाये।यदि 20 जनवरी 2023 तक समस्त गवशालाओ की शेष समस्त धनराशि नहीं दी जा रही तो समस्त प्रधान गौवंश गौशालाओं से छोड़ने को मजबूर हो जायेंगे,इनकी जिमेदारी शासन व प्रशासन की होगी।

रिपोर्ट- सुनील यादव

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