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वाराणसीः दृष्टिहीन व दृष्टिबाधित भी डिजिटल तकनीक का हिस्सा बनेंगे और मिली जानकारी के अनुसार इसके लिए बीएचयू की शोध छात्रा ऐश्वर्या जायसवाल विशेष तरह का रिचार्ज कर रही हैं |

बीएचयू के मनोविज्ञान विभाग के डॉक्टर तुषार सिंह और ऐश्वर्या जायसवाल तथा सीडब्ल्यू आर यू { अमेरिका } और आईआईटी बीएचयू { भारत } के शोधकर्ताओं की एक संयुक्त शोध टीम ने अपनी तरह का एक पहला प्रयोगात्मक अध्ययन किया है और जिसका उद्देश्य यह दिखाना था कि कंप्यूटर से बातचीत करने के लिए हाव भाव पर आधारित एक तकनीक डै क्टिलोलाँजी जिसमें अंगुलियों की सहायता से कंप्यूटर के टाइपिंग के लिए निर्देश दिए जाते हैं |

दृष्टिहीन एवं दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए एक संभावित कंप्यूटर इनपुट तकनीक है यह शोध प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग जर्नल आईईडी ट्रांस एक्शंस ऑन ह्यूमन मशीन सिस्टम में प्रकाशित की गई है |

और मिली जानकारी के अनुसार शोधकर्ताओं का मानना है कि यह नई खोज दृष्टिहीन व दृष्टिबाधित समुदाय को कंप्यूटर कंप्यूटरीकृत प्रणालियों के संचालन एवं विशेषज्ञता में सुधार करने में मदद करेगी और उन्हें वर्तमान डिजिटल युग का हिस्सा बनने में सक्षम करेगी |

मिली जानकारी के अनुसार ऐश्वर्या जायसवाल प्रोफ़ेसर योगेश कुमार आर्य के पर्यवेक्षण में मनोविज्ञान की शोध छात्र हैं |

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की पूर्व
सीनियर रिसर्च फेलो है और उन्होंने बीएचयू से जो स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं वह प्रतिष्ठित अक्षय निधि छात्रवृति यों और कई अकादमिक और शोध पुरस्कारों से सम्मानित होती रही हैं |

मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में वह इंटरनेशनल यूनियन ऑफ साइकोलॉजिकल साइंसेज {आईयुपी
एसवाईएस ) यूएन और डब्ल्यूएचओ द्वारा मान्यता प्राप्त कर व्यापक वैश्विक मनोवैज्ञानिक संगठन और इंटरनेशनल कांग्रेश ऑफ साइकोलॉजी { आईपीसी } विश्व का सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली मनोवैज्ञानिक आयोजन में " इमर्जिंग साइकोलॉजिस्ट प्रोग्राम 2021+" दुनियाभर में चुन लिए गए और 40 अंतर्राष्ट्रीय प्रारंभिक कैरियर शोधकर्ताओं में शामिल थी और उन्हें आईपीसी द्वारा स्कॉलरशिप भी प्राप्त की गई थी चेक रिपब्लिक यूरोप में अपना शोध प्रस्तुत करने और बाकी देशों में आने वाले अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के साथ अपना ज्ञान साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया था

मिली जानकारी के अनुसार इमर्जिंग साइकोलॉजिस्ट प्रोग्राम के परिणाम स्वरुप ऐश्वर्या दो अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट में शामिल अन्वेषक { इंडिया } है इनमें से इंडो_ फिलीपींस क्लाइमेंट चेंज प्रोजेक्ट है और दूसरा मॉडर्न टेक्नोलॉजीज का एडोलसेंट्स डेवलपमेंट का प्रभाव आकलन संबंधी है और इसमें चेक रिपब्लिक, फिल्लीपनेस, होंग, कोंग आदि देशों के
प्रोफेसर और शोधकर्ता शामिल है |

मिली जानकारी के अनुसार मार्च 2023 में ऐश्वर्या ने बेल्जिम में आयोजित इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑफ साइकोलॉजिकल साइंस { आईसीपीएस ) में अपनी टीम के साथ बीएचयू का प्रतिनिधित्व किया था |

और सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाला बीएचयू एक मात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय था और द्विवार्षिक आयोजित होने वाला यह सम्मेलन
 आईसीपीएस, वैश्विक अंत: विषय अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिकों और संगठनों के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को जोड़ता है |

मिली जानकारी के अनुसार यह एसोसिएशन ऑफ साइकोलॉजिकल साइंस की ओर से आयोजित किया जाता है और दुनिया के सबसे बड़े और अत्यधिक प्रतिष्ठित मनोवैज्ञानिक संघों में से एक है और इसमें दुनिया भर से 75 से अधिक देशों से आए हुए मनोवैज्ञानिक विज्ञान और चिकित्सा, आनुवंशिकी, जीव विज्ञान, भाषा विज्ञान, अर्थशास्त्र नृ विज्ञान आज के विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक और शोधकर्ता भाग लेते रहते हैं |

रिपोर्ट- मंजू द्विवेदी

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