Shaurya News India
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भदोहीः सद्गुरु ब्रह्मज्ञान मानव को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। ब्रह्मज्ञान के बाद ही जीवन में आनंद की प्राप्ति होती है। उक्त उदगार गोपीगंज नगर के पड़ाव स्टेशन रोड पर संत  विवेकानंद इंटर कालेज के पास आयोजित एक विशेष सत्संग में अमृतसर से आए निरंकारी संत केंद्रीय प्रचारक सूरज प्रकाश जी ने व्यक्त कीl हजारों की संख्या में जुटे श्रद्धालु जनों के बीच कहा कि सद्गुरु के बिना ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती। सत्य की जानकारी जिसे हम ईश्वर,निराकार,गॉड,वाहेगुरु आदि नामों से पुकारते हैं और इसी सच्चे सौदे की सबको जरूरत होती है।


कहा कि सद्गुरु को जिस प्रकार से जिज्ञासा होती है ईश्वर उसी प्रकार से हर जीव को प्रेरणा देने लगता है। चाहे वह सतोगुणी हो, रजोगुणी या तमोगुणी होl निम्न स्तर से लेकर के उच्च से उच्च स्तर तक जिव आत्मा के रूप में क्यों न हो? केवल और केवल परमात्मा ही दयावान है। ब्रह्मज्ञान मानव को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। ब्रह्म ज्ञान के बाद ही जीवन में आनंद की प्राप्ति होती हैl सत्संग में इस सत्य के संग द्वारा हमारे जन्मों-जन्मों की मैल साफ हो जाती है।
कहा कि आज हमें निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के वचनों पर चलने की जरूरत है। भक्ति का आरंभ तभी होता है जब जीवन में सद्गुरु आता है। मनुष्य अपने जीवन में तीनों मार्गों से होकर गुजरता है। अर्थात जो मनुष्य हमेशा गिले-शिकवे करता है उसका जीवन हमेशा अंधकार से अंधकार की ओर जाता है। जो हर समय परमात्मा का शुकराना करता है उसका जीवन अंधकार से प्रकाश की ओर जाता है। जैसे कोई समुंदर के जहाज पर पंछी बैठी हो और फिर उड़ान भरने के बाद वह चाहे जितनी दूर चली जाए उसे घूम फिर उसी जहाज पर ही आना पड़ता है ठीक  इसी प्रकार से यह परमात्मा रूपी जीव प्रकृति के आवरण में फस कर बेबस पड़ी हुई है।
उन्होंने अंत में उदाहरण के रूप में कहा जैसे एक घड़े में जो चंद्रमा दिखता है वैसे ही छोटे-बड़े बहुत ढे़र सारे घडे़ में भी वही चंद्रमा ही दिखता है। ठीक इसी प्रकार से परमात्मा अनंत है। जो गुरु के दर पर आते हैं वो जीवन जीने की कला सीख जाते हैं जैसे ज्ञान की सम्हाल ज्ञानी ही करता है और हीरे की सम्हाल जौहरी करता है। जब कोई सत्य का संग करते करते जीव रूपी आत्मा परमात्मा हो जाता है।

इस मौके पर प्रयागराज के जोनल इंचार्ज अशोक कुमार सचदेव ,भदोही संयोजक राजेश कुमार,स्थानीय सेवादल संचालक राकेश आदि लोग मौजूद रहे. सत्संग के अंत में गोपीगंज के मुखी महात्मा लाल जी ने सभी अतिथियों,साध संगत एवं सेवादल के सभी भाई -बहनों का आभार प्रकट किया।

रिपोर्ट- जलील अहमद

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