वाराणसीः नाबालिक छोटी बहन को बहला-फुसलाकर अपने पति से उनके साथ दुष्कर्म करवाने कि साजिद रचने के मामले में आरोपित महिला को कोर्ट से राहत मिल गई. विशेष न्यायाधीश(पोक्सो एक्ट द्वितीय) अनुभव द्विवेदी की अदालत में ककरमत्ता निवासिनी महिला नसरीन बेगम को एक-एक लाख रुपए की जमानत एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया.
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, मेराज फारूखी, बृजलाल सिंह यादव, ने पक्ष रखा अभियोजन पक्ष के अनुसार वादिनी मुकदमा में 12 अप्रैल 2019 को मंडुआडीह थाने में प्राथमिक दर्ज कराई थी. आरोप था कि उनकी बहन नसरीन बेगम की शादी अनवर अली एक फरेबी व धोखेबाज किस्म का व्यक्ति है. उसकी बहन नसरीन बेगम ने उसे करीब 2 साल पहले बहला-फुसलाकर अपने पति अनवर अली के पास ले गई. जिसके बाद अनवर अली ने प्रार्थिनी को जमीन खरीदने के झांसा देकर 8 फरवरी 2016 को अपने साथ कचहरी ले गया वहां निकाहनामा तैयार करवा कर उस पर उसकी फोटो लगाकर जबरजस्ती हस्ताक्षर करवा लिया.
जबकि वादिनी का कभी उसके साथ निकाह नहीं हुआ था, इसी दौरान वह उसके साथ जबरजस्ती दुष्कर्म करता था और विरोध करने पर मारता पीटता था. इस बीच उसे एक पुत्र भी पैदा हुआ. जिसके बाद अनवर अली और नसरीन बेगम ने वादिनी का सारा गहना कीमती कपड़ा अपने पास रख लिया और उसे मारपीट कर घर से भगा दिया. इस मामले में मंडुवाडीह पुलिस ने अनवर अली व नसरीन बेगम के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
रिपोर्ट- जगदीश शुक्ला