Shaurya News India
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वाराणसीः माँ दुर्गा अपनी तीसरे स्वरूप में चन्द्रघंटा नाम से जानी जाती हैं, नवरात्र के तीसरे दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन किया जाता है. इनका रूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है, इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचन्द्र है इसी कारण से इन्हें चन्द्रघंटादेवी कहा जाता है.

इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला हैं, इनके दस हाथ हैं, इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र, बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं. इनका वाहन सिंह है, इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उदधृत रहने की होती है इनके घंटे सी भयानक चंडध्वनिसे अत्याचारी दानव, दैत्य, राक्षस सदैव प्रकम्पित रहते हैं.

नवरात्र पूजन के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा के पूजन, ध्यान मंत्र, स्तुति, स्तोत्र, कवच पाठ करने से शुक्र ग्रह से जुड़ी समस्त पीड़ाएं दूर हो जाती है. इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। जीवन में आकर्षण, सौंदर्य, प्रेम में वृद्धि होती है। भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है. और अनेक प्रकार की सांसारिक परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है.

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