वाराणसी। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट), द्वितीय अनुभव द्विवेदी की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास के चौबेपुर थाने के एक मामले में छितौना, थाना चौबेपुर निवासी राम आशीष यादव उर्फ़ गब्बर यादव को अभियोजन द्वारा साक्ष्य साबित न करने की दशा में पूर्ण विचारण उपरांत नामजद अभियुक्त को दोषमुक्त /बाईजजत बरी कर दिया।अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी व ओमप्रकाश यादव ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा/पीड़िता के पिता ने 24 मार्च 2020 को चौबेपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। आरोप है कि प्राथी कि पुत्री...... जो कक्षा 7 में पढ़ती है। जिसकी जन्म तिथि 7 जून 2008 है। 22 मार्च 2020 को रात्री 10 बजे पार्थी कि पुत्री सौचालय के लिए वाथरूम जा रही थी
सौचालय जाने के लिए मकान के पिछे से दरवाजे निकली इतने में ही गाव के गब्बर यादव प्रार्थी की पुत्री का मुँह दबाकर थोडा दूरी पर ले जाकर अपने मो. में विडियों (नग्गी तस्वीर) दिखाया और गलत काम करने का प्रयास किया
और बोला कि हम जो कहेंगे वही करना नहीं तो जान से खत्म कर देंगें और तुम्हारी नग्गी फोटो नेट पर डाल देंगे। प्रार्थी की पुत्री किसी तरह जान बचाकर घर भाग आई और पुरी घटना बतायी।
प्रार्थी को बताई प्रार्थी लोक-लाज के डर के मारे सुबह 112 नम्बर पर घटना कि सुचना दिया। घाटना के तीन दिन पूर्व भी अभीयुक्त प्रार्थी के पुत्र जो कक्षा 1 में पड़ता है से भी कहाँ था कि जाओ अपनी दीदी को भेज दो नहीं तो ऐसा कदम उठाऊँगा कि तुम्हारी दीदी कही मुँह दिखाने लायक नहीं रहेगी।
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