Shaurya News India
इस खबर को शेयर करें:

वाराणसी। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पूर्वोत्तर रेलवे) महेंद्र कुमार पांडे की अदालत ने 500 ग्राम नाजायज गाँजा (एनडीपीएस) के दो अलग-अलग मामलों में छपरा बिहार निवासी आरोपी प्रेम राय को परीक्षण के दौरान संदेह के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता धर्मेंद्र यादव ने पक्ष रखा।

अभियोजन पक्ष के अनुसार 11 अगस्त 2006 को जी०आर०पी० के उपनिरीक्षक राम अवध राम एवं का0 मदन शर्मा चौकी से 5 बजे रवाना होकर संदिग्ध व्यक्तियों की चेकिग में व्यस्त थे। प्लेटफार्म नं0 3 पर आ रही गोरखपुर मण्डुवाडीह पैसेन्जर को चेक करने के लिये हमराही का० मदन शर्मा को भेजा।

करीब 7 बजे गाड़ी प्लेटफार्म पर आकर रूकी। गाड़ी को पीछे से चेक करते हुए आगे की तरफ जा रहा था कि देखा एक व्यक्ति खड़ी गाड़ी के पूरब यार्ड में एक भरी बोरी सिर पर लिये व एक छोटी भरी बोरी बाये हाथ में लिये पश्चिम से पूरब तरफ खाली लाईनों के मध्य से जा रहा था। जिसे चेक करने के लिये रोका व टोका गया

तो पूरब की तरफ तेज कदमों से जाने लगा, उसका पीछा पकड़ लिया गया। उसने अपना नाम प्रेम राय निवासी माधोपुर, थाना मढौरा जिला छपरा बिहार बताया तथा कहा कि उसके पास बोरे में भांग व गांजा है। पकड़े जाने के भय से छिपकर जा रहा था। उक्त व्यक्ति के पास से बरामद दो बोरियों की जामा तलाशी ली गयी तो उसके द्वारा लिये गये बोरी में से एक बण्डल पोलीथीन व अखबारी कागज में बंधा गांजा नाजायज बरामद हुआ।

जिसपर मौके पर तराजू बॉट मंगाकर वजन किया गया तो बड़ी बोरी में 23 किलोग्राम व छोटी बोरी में छः किलोग्राम भॉग पायी गयी तथा गॉजे के बण्डल का वजन किया गया तो 500 ग्राम नाजायज गाँजा मिला।

 

इस खबर को शेयर करें: