आगराः आगरा की आवास विकास परिषद मैं एंथला एंथम के नाम से प्रसिद्ध प्रोजेक्ट के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में कपिल बाजपेई के द्वारा पीआईएल दाखिल कर जमीन के गलत तरीके से आवंटन पर सवाल उठाया गया है. पीआईएल दाखिल करने में अधिवक्ताओं की एक टीम लगी है जिसमें शशांक त्रिपाठी हेमंत कुमार और अरविंद त्रिपाठी जैसे काबिल वकीलों की एक टीम के द्वारा यह कार्य कर आ गया है. जिसमें सरकार को चूना लगाने वाली रिपोर्ट का हवाला देते हुए अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी ने कहा की तत्कालीन अपर आवास आयुक्त एवं सचिव रूद्र प्रताप सिंह के पत्र के मुताबिक भूमि अविकसित और विवादित थी जिस को आधार बनाकर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करी गई और लगभग 145000 वर्ग मीटर की जमीन की नीलामी गलत तरीके से लखनऊ जाकर कर दी गई.
जिस जमीन का टाइटल ही आवास विकास परिषद के पास नहीं था उस जमीन को आवास विकास परिषद ने प्राइवेट बिल्डर को साजिश के तहत आपसी सांठगांठ के आधार पर सौंप दिया. जिसके कारण से उत्तर प्रदेश सरकार को अरबों रुपए के राजस्व की हानि हुई है. वहीं जब भूमि पर सरकार का कब्जा दखल ही नहीं था तो वह मूल काश्तकार को वापस करी जानी चाहिए थी ना कि बिल्डर को दे देनी चाहिए. इस प्रकरण में हुई अनियमितताओं को विस्तार के संग रखते हुए पीआईएल में बात कही गई है निश्चित रूप से जांच व अन्य प्रकरण में स्थिति स्पष्ट हो पाएगी और सरकार को धोखा देने वाले बिल्डर के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार निश्चित ही कार्रवाई करेगी.
वहीं, प्रेस वार्ता में उपस्थित कपिल बाजपेई ने कहा कि हमने माननीय उच्च न्यायालय के माध्यम से पीआईएल दाखिल करी है और निश्चित ही सरकार को धोखा देने वाले बिल्डर और अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय कार्रवाई करेगा और तो और जो लूट हुई है उसका भी पर्दाफाश होगा कि किस प्रकार से परिषद के अधिकारियों ने बड़ी मिलीभगत करके प्राइवेट बिल्डर को लाभ देने के लिए नियम कायदे कानून को ताक पर रखते हुए जमीन की अवैध रूप से नीलामी कर दी और 1 दिन पहले ही नीलामी से कब्जा दे दिया जिसको आगरा के सम्मानित अखबारों में प्रमुखता से छापा भी था लेकिन रसूखदार लोगों ने नाजायज तरीके से बातों को दवा दिया.
प्रेस वार्ता में प्रमुख रूप से अरविंद त्रिपाठी, एडवोकेट महेश पांडे, एडवोकेट कपिल बाजपेई, दिलीप बंसल, डॉ वीरेंद्र सिंह, अश्वनी शर्मा एडवोकेट आदि साथी उपस्थित रहे.
रिपोर्ट- आरती यादव