Shaurya News India
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जयपुर: अजमेर. करीब दो साल पहले पीसांगन में सड़क पर लावारिस हालत मिले बच्चे के जीवन में फिर से खुशियां लौट आई हैं। जिस बच्चे को सामान्य सी बीमारी के चलते भगवान भरोसे लावारिस छोड़ दिया अब उसका स्पेन में लालन-पालन और पढ़ाई होगी। यही नहीं बच्चे की जिन्दगी संवरने की उम्मीद जगी है।

राजकीय शिशु गृह अजमेर में आवासित विशेष आवश्यकता वाले बच्चे को जिला कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित, बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक संजय सावलानी, शिशु गृह अधीक्षक रेखा मेघवाल ने स्पेनिश युवती ओहाना सौंपा। ओहाना स्पेन में फिलोसॉफी की लेक्चरर हैं। करीब 45 वर्षीय जोआना अविवाहित हैं। उसने तीन साल पर कारा के चलते दत्तक ग्रहण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था।

पहले बोल नहीं पा रहा था बच्चा:

पीसांगन में वर्ष 2022 में सड़क पर लावारिस हालत में बच्चा छोड़ने के बाद बाल कल्याण समिति के माध्यम से राजकीय शिशु गृह में आवासित किया। बच्चे का इलाज भी करवाया गया। अब बच्चा बोलने लगा है। शिशुगृह की ओर से पुलिस की मदद व सीसीटीवी फुटेज की मदद से जांच करवाई गई ताकि उसके माता-पिता कोई मिल जाए। नहीं होने पर विधि अनुसार कारा के तहत दत्तक ग्रहण प्रक्रिया पूरी करवाई गई।

कलक्टर ने किया आमजन से आह्वान:

जिला कलक्टर डॉ. दीक्षित ने आमजन से आह्वान किया कि बच्चे गोद लेने (दत्तक ग्रहण) की प्रक्रिया कारा माध्यम से की जानी चाहिए। अजमेर में दत्तक ग्रहण के लिए विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण एजेन्सी लोहागल ही अधिकृत है। उन्होंने कहा कि किसी भ्रामक साइट्स, विज्ञापन से बचें, किसी व्यक्ति के झांसे में नहीं आएं।


 

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