चन्दौलीः सकलडीहा पीजी कॉलेज एसोसिएशन आफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (ऐम्फी) तथा श्री ज्ञान शील लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से एक निवेशक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन वेंकट चलासनी* सीईओ द्वारा किया गया। एम्फी देश के म्युचुअल फंड्स कि एक सिर्फ निकाय संस्थान है जो देश में मैचुअल फंड्स के विकास और संवर्धन के लिए कार्य कर रही है। शेयर मार्केट की रेगुलेटर सेबी ने एम्फी को म्युचुअल फंड्स के विकास से संबंधित अन्य को अधिकार दिए हुए हैं।![](http://shauryanewsindia.co.in/backend/newsphotos/1708753921-1555718134.jpeg)
वेंकट चलासनी ने अभी हाल में एमपी के चीफ एग्जीक्यूटिव पद पर ज्वाइन किया है जिनके पास 35 साल से ज्यादा बैंकिंग अनुभव है। वे आज समारोह के मुख्य अतिथि हैं। उन्होंने एमपी द्वारा आयोजित इस तहत के कार्यक्रमों की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हमारे देश का आर्थिक विकास निवेशकों की जागरूकता एवं उनके अप्रतिम सहयोग पर ही निर्भर करता है। हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का जो अभियान है कि हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की श्रेणी में आ जाए, उसमें निवेशकों का सहयोग एवं अंशदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने निज निर्णय प्रक्रिया का बड़े ही सरल ढंग से समझाया। निवेदक को अपनी जरूरत, समय अंतराल तथा तड़ अनुरूप निवेश का विकल्प चुनना चाहिए। जीवन के प्रत्येक स्तर पर जो धन की आवश्यकता पड़ती है, उसे बुद्धिमानी एवं तर्कसंगत ढंग से निर्मित पोर्टफोलियो द्वारा आसानी से उपलब्ध किया जा सकता है। अतः हम सभी की प्रसन्नता, सुख एवं समृद्धि सुविचार पर ही आधारित है।
समारोह के विशिष्ट अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र अधिष्ठाता एवं वाणिज्य संकाय के पूर्व विभाग अध्यक्ष एवं संकाय प्रमुख *प्रोफेसर आशाराम त्रिपाठी*ने विनियोजन के महत्व पर प्रकाश डाला साथ ही विभिन्न प्रकार की विनियोग संबंधी योजनाओं के गुण दोष पर कोई प्रकाश डाला। साथ ही आग्रह किया कि नियोक्ता जब भी वियोग करें तो सावधानी पूर्वक करें क्योंकि उनके द्वारा वियोग की गई राशि एक और उन्हें प्रत्याय देती है ,वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है। एम्फी कब निवेशक जागरूकता अभियान इस संदर्भ में अति प्रसंसनीय कदम है।
सूर्यकांत शर्मा वरिष्ठ सलाहकार*AMFI जो आज के कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे उन्होंने अपने संबोधन में व्यक्तियों की वित्तीय सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक निवेशक को समृद्धि से पहले वित्तीय सुरक्षा का इंतजाम करना चाहिए और पर्याप्त जीवन बीमा उचित चिकित्सा बीमा कवर और एक आपातकालीन निधि को सुनिश्चित करना चाहिए। इसके बाद उन्होंने नियमित बचत और हर साल बचत में न्यूनतम 10% की वृद्धि के लिए जोरदार दलीलें दी। तक उपरांत उन्होंने समृद्धि के लिए धन सृजन की आवश्यकता के बारे में विस्तार से बताया और इस बात पर जोर दिया कि निवेशकों को धन संचय करता नहीं बल्कि धन सर्जन/निर्माता होना चाहिए जिससे उन्हें जीवन में उनके मिल के पत्थरों के लिए उचित धन की उपलब्धता हो सके। फिर उन्होंने प्रतिभागियों को सलाह दी कि उन्हें वास्तविक रिटर्न पर ध्यान देना चाहिए ना की आभासी रिटर्न पर। क्योंकि मुद्रा स्थिति और कर दिया था काफी हद तक रिटर्न का बड़ा हिस्सा ले लेती है और सही महीना में उन्हें कोई वास्तविक रिटर्न नहीं मिलता है।
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कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वालों को आगाह किया कि सरकारी योजनाओं को छोड़कर अधिकांश निवेशों में जोखिम होता है लेकिन जोखिम को सरल सूत्र द्वारा कम तथा प्रतिबंधित किया जा सकता है और वह है-सोच, समझें और निवेश करें*
उन्होंने उद्देश्य अनुसार निवेश करने और वित्तीय नियोजन के महत्व को विस्तार से समझाया। श्री सूर्यकांत ने लंबी समय अवधि के लिए निवेश और निवेश में चक्रवृद्धि के नियम को अपने पर अत्यधिक जोर दिया। इसके बाद उन्होंने बाजार में उपलब्ध विभिन्न निवेश के तरीकों के बारे में बुनियादी जानकारी साझा की। सरकार/आरबीआई बांड , कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी योजनाएं (डाकघर योजनाएं, पीपीएफ, एनपीएस, सुकन्या समृद्धि योजना, अचल संपत्ति, सोना और प्रतिभूति बाजार आदि। यह सभी निवेश अलग-अलग हैं और सबकी अपनी अलग-अलग विशेषताएं हैं। और निवेशकों को अपनी जोखिम लेने की क्षमता निवेश समय निधि को देखकर ही भिन्न-भिन्न निवेश योजनाओं में निवेश करना चाहिए। श्री शर्मा ने सामान्य निवेशक के सीधे प्रतिभूति बाजार में प्रवेश न करने की सलाह दी क्योंकि बाजार में जोखिम निहित है और जब तक निवेदक को बाजार के बारे में ज्ञान नहीं है, उसे सीधे बाजार में निवेश करने से बचना चाहिए। इसकी बजाय म्युचुअल फंड सामान्य निवेशक के लिए एक बेहतर विकल्प है जिसमें हर तरह के निवेशक के लिए म्युचुअल फंड में योजनाएं उपलब्ध है। सामान्य निवेशक लंबी अवधि में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से न्यूनतम 500 का राशि भी निवेश कर एक अच्छा कोष बन सकता है। जिससे अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां को अच्छी तरह से पूरी कर सकता है उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मैचुअल फंड में इक्विटी फंड से लेकर डेट फंड से लेकर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड तथा म्युचुअल फंड योजनाओं का एक विस्तृत स्पेक्ट्रम है, जिसमें से एक निवेशक अपने जोखिम और निवेश क्षितिज के अनुसार योजना चुन सकता है। अंत में उन्होंने प्रतिभागियों को प्रभावित तरीके से अगाह किया कि वे एजेंट सहित दूसरों की सलाह पर अपनी मेहनत की कमाई का निवेश करें और कभी-कभी और अनधिकृत फंड जताने की योजनाओं जैसे-पोंजी योजना, चित फंड और समितियां आदमी निवेशन करें जो शुरुआत में उच्च और त्वरित रिटर्न का आश्वासन देते हैं लेकिन अंतत निवेशकों की मेहनत की कमाई के साथ गायब हो जाते हैं। समृद्धि निवेदक किस तरह के आकर्षण के प्रति अधिक संवेदनशील है पर समाज के गरीब तबके के लोग अपने वित्तीय अज्ञानता और लालच के कारण अपनी मेहनत का पैसा ऐसी गलत योजनाओं में लगा देते हैं उनका पैसा डूब जाता है। अतः हम सभी की यह सामाजिक भी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें ऐसी योजनाओं के खतरे के बारे में जागरूक करें और उन्हें ऐसी योजनाओं में अपना पैसा निवेश न करने के लिए अगाह करें।
समारोह के विशिष्ट अतिथि सकलडीहा के *उप जिलाधिकारी श्री अनुपम मिश्रा जी*मानव जीवन में व्यक्तिगत विनियोजन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति अपनी आय के अनुरूप छोटी-छोटी बच्चों को यदि सुरक्षित एवं विधि सम्मत विनियोजनों मैं लगाया जाए तो निजी जीवन तो सुख में होगा ही साथ ही पारिवारिक सामाजिक एवं राष्ट्रीय जीवन खुशहाल एवं मंगलमय होगा। उन्होंने भी एम्फी, श्री ज्ञान शील तथा सकलडीहा पीजी कॉलेज को इस तरह के लोकोपयोगी कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए बधाई तथा धन्यवाद दिया।
समारोह की अध्यक्षता कर रही सक्रिय पीजी कॉलेज के यशस्वी प्राचार्य प्रोफेसर प्रदीप कुमार पांडेय जी ने कहां कि विनियोजन एक ऐसा संयंत्र है जिसके माध्यम से हम राष्ट्रीय आय को अपेक्षित दर से बढ़ा सकते हैं। अतः जब हमारी राष्ट्रीय आय दीघा गति से बढ़ जाएगी तो हम बड़ी आसानी से अपने प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्य-विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था श्रेणी को हासिल कर लेंगे। निवेशक जागरूकता की इस तरह की आयोजन बहुत आवश्यक हैं जिस्म की न्यूज़ को को प्रोत्साहित एवं प्रेरित किया जाए कि वह अपनी बचातों को सही जगह राष्ट्र निर्माण में विनियोग करें इस माध्यम से उनकी बचत सुरक्षित रहकर समुचित प्रत्याय की गारंटी युक्त होगी।
उन्होंने बताया कि आज की सूचना प्रौद्योगिकी के युग में वियोग से संबंधित समस्त सूचनाएं मोबाइल ऐप में उपलब्ध है वह उन सूचना के आधार पर विश्लेषण करके अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप विनियोग कर सकती हैं एम्फी तथा ज्ञान शील एजुटेक प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से महाविद्यालय में इस तरह का आयोजन संपन न हुआ उन्हें बहुत-बहुत धन्यवाद। वस्तुतः यह कार्यक्रम बहुत ही जनउपयोगी है लोगों के कल्याण के लिए आवश्यक है तथा राष्ट्र निर्माण में इसकी बड़ी भूमिका है।
जाने-माने का श्री विशाल सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम में रमित, डॉ रन शंकर मिश्रा प्रोफेसर पीके सिंह श्री महेंद्र आशीष श्री बृजेश गुप्ता तथा महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
सत्र के बाद प्रतिभागियों के लिए प्रश्न उत्तर कल का भी आयोजन किया गया जिसमें प्रतिभागियों ने व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन यथा उन्हें कब निवेश करना चाहिए। निवेश करने का सही समय क्या है। भारत सरकार द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं। आदि आदि पर बहुत सारे प्रश्न पूछे जिनका विशेषज्ञ क्यों द्वारा विस्तृत एवं संतोषजनक उत्तर दिया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ वंदना ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर अमन मिश्रा ने किया।
रिपोर्ट- अलीम हासमी
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