वाराणसी। सड़क हादसे में बीएचयू छात्र के मृत होने की अफवाह पर चीफ प्रॉक्टर कार्यालय व कुलपति आवास में घुसकर तोड़फोड़ करने व गाली-गलौज करते हुए सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट करने के आरोपित एक और छात्र को अंतरिम जमानत मिल गई।
इसके पूर्व आरोपित छात्र दुर्गेश यादव ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (तृतीय) पवन कुमार सिंह की अदालत में समर्पण कर जमानत के लिए अर्जी दी। अदालत ने उसके जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए उसे 25-25 हजार रुपये की दो जमानते एवं व्यक्तिगत बंधपत्र देने पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
वहीं नियमित जमानत के लिए अगली तिथि 30 मार्च की नियत कर दी। अदालत में आरोपित छात्र की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, डीएन यादव व नरेश यादव ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार बीएचयू चीफ प्रॉक्टर कार्यालय के सहायक सुरक्षा अधिकारी राकेश गुप्ता ने 18 फरवरी 2024 को लंका थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। आरोप था कि 17 फरवरी 2024 को ब्रोचा छात्रावास के पास सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गयी थी।
इस बीच यह अफवाह फैलने पर की मृतक बीएचयू का छात्र है को लेकर बीएचयू के छात्र शुभम शुक्ला, संजय गांधी, अनुज राम, अंकित राय, दुर्गेश यादव के नेतृत्व में करीब 200 से की संख्या में छात्र अपने हाथों में लाठी-डंडा, सरिया व ईंट-पत्थर लेकर चीफ प्राक्टर कार्यालय में घुस गये
और वहां तोड़फोड़ करते हुए सुरक्षाकर्मियों के साथ गाली-गलौज व मारपीट करने लगे। चीफ प्रॉक्टर प्रो. शत्रुधन त्रिपाठी, डा. राजेश कुमार सिंह, डॉ. अमरेश प्रताप सिंह ने उग्र छात्रों को समझाने का काफ़ी प्रयास किया, लेकिन वे गाली-गलौज व धमकी देते हुये कुलपति आवास में अनाधिकृत रूप से घुस गये
और वहां खड़ी सरकारी इनोवा गाड़ी क्षतिग्रस्त कर दिया। साथ ही ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा सुपरवाइजर सच्चिदानंद राय, रमाशंकर सिंह, अशोक शर्मा समेत अन्य गार्डों से मारपीट करते हुये वादी को भी लाठी-डंडे व पत्थर से मारे।
नाराज छात्रों ने मुख्य द्वारा एवं नरिया गेट को बंद कर दिया एवं प्रदर्शन करने लगे। इस मामले में पुलिस ने 12 नामजद समेत 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया थ