वाराणसी। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), (यूपीएसबी) शैलेंद्र सिंह की अदालत ने डेढ़ करोड़ के फर्जीवाड़ा जमीन की धोखाधड़ी के रोहनिया थाने के एक मामले में आरोपी जटाशंकर यादव की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। अदालत में जमानत अर्जी का विरोध सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रोहित मौर्य व वादी के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक कुमार दूबे और उनके सहयोगी अधिवक्ता विनीत सेठ ने किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी धर्मराज सिंह नें थानाध्यक्ष रोहनियां को प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया कि वह हृदय रोगी है उसके हृदय की तीन नसें ब्लाक है जिसका इलाज बी०एच०यू० में हो रहा है। उसने इलाज के लिए खेवसीपुर, परगना कसवार तहसील राजाताला में अपनी 5 बिस्वा जमीन 30 लाख रुपये प्रति बिस्वा की दर से विक्रय की बातचीत संदीप पटेल, अभिषेक यादव, शमसेर पटेल व प्रीतम कुमार एडवोकेट नखडू यादव उर्फ जटाशंकर यादव व करतार यादव आदि से किया और 30 लाख रुपये प्रतिबिस्वा की दर से विक्रय की बातचीत तय करके उसे एग्रीमेन्ट कराने की गरज से 21 जनवरी 2025 को निबंधन कार्यालय गंगापुर ले गये
और धोखा देकर उसकी आराजी का दान विलेख तहरीर करा लिये और उसे इलाज कराने के नाम पर एक करोड़ पचास लाख का चेक भारतीय स्टेट बैंक शाखा राजातालाब का प्रदान करते हुये बाद में बैनामा कराये जाने की बात कहे। वह चेक को भुगतान के लिये अभियुक्तगण से जब सम्पर्क करने के लिये फोन किया तो अभियुक्तगण ने बताया कि
आप अपनी जमीन उन्हें बेच दिये हो। आपका रुपया आपको मिले या न मिले वे जिम्मेदार नहीं है। तब प्रार्थी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जब मुआयना करा कर 25 जनवरी 2025 को नकल निकलवाया जब अभियुक्तगण की साजिश का पता चला।
