दिल्लीः नोएडा सेक्टर 35 में अपना घर आश्रम ऊपर के तलों पर रहने वाली प्रभुजियों को भी खाना खिलाया जा रहा था। ये सभी खराब और बहुत खराब मानसिक स्थिति की महिलाएं हैं।न जाने कहां-कहां से आई हैं। कोई असम से है तो कोई पूर्वोत्तर के किसी राज्य से। किसी को बच्चा होने के बावजूद उसके पति ने घर से निकाल दिया है तो कोई खुद गफलत में घर से निकल कर चली तो वापस घर जाने का रास्ता ही भूल गयी। सड़क किनारे भूखी-प्यासी,चोटिल,देह के किसी हिस्से में कीड़े पड़ने से सड़ने जैसी स्थिति में पायी गई महिलाओं को अपना घर आश्रम के स्वयंसेवक सूचना मिलने पर ले आते हैं।
यहां लाने से पहले संबंधित थाना पुलिस में बाकायदा उसके बारे में जरूरी सूचनाएं दर्ज कराई जाती हैं। हालांकि पुलिस ऐसी सूचनाओं को कितना सहेज कर रखती है, यह वही जानती है। एक प्रभुजी को अपने पति और बच्चे की याद सताती है। वह वापस जाना चाहती है परंतु उसे अपने घर का कुछ अता-पता नहीं है। हालांकि 1 मई, 2022 को आश्रम की शुरुआत होने से अब तक 106 महिलाओं को उनके परिजनों को सौंपा जा चुका है।यहां की हर गतिविधि की दैनिक आधार पर सभी सूचनाएं भरतपुर स्थित अपना घर आश्रम मुख्यालय भेजी जाती हैं और वहां से आने वाले निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाता है।
सुबह पौष्टिक नाश्ता और दोपहर बाद हाई टी के अलावा दोपहर और शाम का खाना भी उच्च गुणवत्ता वाला दिया जाता है।प्रभुजियों को समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से व्यस्त रखा जाता है और आश्रम के अधिकांश कार्यों में उनकी भागीदारी भी कराई जाती है। निर्धारित समय के अलावा किसी को आश्रम के आवासीय हिस्से में प्रवेश की अनुमति नहीं है और प्रभुजियों को भी बाहर नहीं निकलने दिया जाता है।