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वाराणसी यूपी का दूसरा सबसे गर्म शहर बनारस रहा,वहीं, एक्यूआई वेदर ने दुनिया का छठा और टाइम एंड डेट एजेंसी ने दूसरा गर्म शहर बताया है। टाइम एंड डेट एजेंसी ने 43 डिग्री और एक्यूआई वेदर ने 44 डिग्री तापमान बताया है।
ओगेमेट वेबसाइट के मुताबिक, बनारस भारत का नौवां सबसे गर्म शहर रहा। लखनऊ स्थित मौसम विभाग के अनुसार बांदा (44 डिग्री) के बाद यूपी का दूसरा सबसे गर्म शहर बनारस रहा।

13 घंटे से ज्यादा रही धूप : बनारस में बृहस्पतिवार को 13 घंटे से ज्यादा समय तक तीखी धूप का असर रहा। वहीं 11 घंटे तक पारा 40 डिग्री से नीचे ही नहीं आया। राजस्थान के रेगिस्तान से होकर आ रही लू भी 22 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से बही। साथ ही हवा में नमी महज 25 फीसदी रही।

पिछले साल 47.8 डिग्री से बना था मई में तापमान का विश्व रिकॉर्ड : बीएचयू के पर्यावरण विद और जलवायु परिवर्तन वैज्ञानिक डॉ. कृपा राम का कहना है कि मई के 14 दिन में गर्मी का तेवर बदला हुआ दिखा है। जैसे ही गर्मी बढ़नी शुरू हुई वैसे ही बादल छा जाते तो कभी बूंदाबांदी। इससे अचानक से तापमान 43 डिग्री से 25-30 डिग्री तक आ जाता था। वहीं 2024 में मई महीने में तापमान रिकॉर्ड 47.8 डिग्री तक पहुंच गया था। फिलहाल अभी तक तापमान उससे 5 डिग्री तक कम ही रहा है।

कल से 45 डिग्री से ऊपर जा सकता है पारा

मौसम विज्ञान विभाग ने बनारस में शनिवार से भीषण लू का अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार से तापमान 45 डिग्री से भी ऊपर जा सकता है। 16 और 17 मई को गर्म हवा के थपेड़े बहेंगे। हालांकि 17 मई से बादल की गरज और चमक के साथ बारिश हो सकती है।

बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव के अनुसार बनारस में धूप काफी तेज पड़ रही है, ऐसे मौसम में कई बार शाम तक बारिश जैसी स्थिति बन जाती थी, लेकिन नमी की कमी के चलते रात में मौसम ठंडा होने के बावजूद भी बारिश नहीं हो पा रही है। इसी वजह से चिपचिपी गर्मी की शुरुआत नहीं हुई है।


अस्पतालों में बढ़े 20 फीसदी मरीज

दिन में तीखी धूप ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। रात में हवा नहीं चल रही है, इस वजह से लोग उमस से बेचैन हो गए हैं। पांच दिन से गर्मी भी बढ़ गई है। तेजी से बदले मौसम का असर सेहत पर देखने को मिल रहा है। अस्पताल से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक मरीजों की संख्या बढ़ गई है।

ओपीडी में पेट संबंधी बीमारी के साथ ही सिरदर्द, बुखार की समस्या वाले 500 मरीज रोज पहुंच रहे हैं। मंडलीय अस्पताल में तीन-तीन वार्ड में बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है। पिछले एक सप्ताह से ओपीडी में मरीजों की संख्या 20 फीसदी बढ़ गई है। बुधवार को पर्चा काउंटर से लेकर पैथालॉजी, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे जांच केंद्र तक भीड़ देखने को मिली।

शास्त्री अस्पताल रामनगर की ओपीडी में 1000 मरीज आ रहे हैं, जबकि पिछले सप्ताह यह संख्या 800 तक रहती थी। जिले के सरकारी अस्पतालों के साथ ही शहरी, ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य केंद्रों पर भी गर्मी से परेशान मरीज पहुंच रहे हैं। कुछ लोगों का प्राथमिक उपचार वहीं पर हो रहा है, जबकि कुछ को रेफर किया जा रहा है।

मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में आम दिनों में 1100 मरीज ओपीडी में आते है, लेकिन पांच दिन से यह संख्या 1300 पहुंच गई है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सीपी गुप्ता ने बताया कि ओपीडी में बच्चों की संख्या 100 है। 30 से अधिक बच्चे पेट संबंधी बीमारी (उल्टी-दस्त), बुखार के आ रहे हैं। यह संख्या पांच दिन पहले तक 80 तक थी।

रिपोर्ट रोशनी

 

 

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