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वाराणसीआंकड़ों में ग्रीन जोन लेकिन एक्यूआई 400
तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है...अदम गोंडवी का यह शेर बनारस शहर की हवा पर एकदम मुफीद बैठता है। हालत यह है कि इस समय पूरे देश की हवा खराब चल रही है लेकिन बनारस में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार बनारस ग्रीन जोन में बना हुआ है। कुछ इलाकों में चार सौ तो कहीं तीन सौ एक्यूआई दर्ज किया गया जो कि लगभग 15 सिगरेट के धुएं के बराबर है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का मानक

0-50-अच्छी
51-100 तक- संतोषजनक (ग्रीन जोन)

101-200 तक-मध्यम (येलो जोन)
201-300 तक-खराब (ऑरेंज जोन)

301-400 तक-बहुत खराब (रेड जोन)
401-500 तक-खतरनाक

जब इसकी पड़ताल की गई तो हकीकत चौंकाने वाली है। शहर के आठ स्थानों पर दो दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स के नमूनों की जांच में एयर क्वालिटी इंडेक्स रेड जोन में मिला। शाम से ज्यादा सुबह की हवा की सेहत सबसे अधिक खराब थी। सोमवार की शाम को गोदौलिया का एक्यूआई 337, रथयात्रा का 318 और भिखारीपुर तिराहा का एक्यूआई 296 दर्ज किया गया। पांच नवंबर को लिए गए हवा के नमूने में रथयात्रा का एयर क्वालिटी इंडेक्स चार सौ दर्ज किया गया। अर्दली बाजार का 375, भेलूपुर का 373, भिखारीपुर तिराहे का 366, लंका 364, कैंट 328, मलदहिया और गोदौलिया का एक्यूआई 320 था। चार नवंबर को रथयात्रा का एक्यूआई 353, लंका का 339, भिखारीपुर तिराहे का 338, भेलूपुर का 338, अर्दली बाजार का 336, कैंट का 326, मलदहिया का 306 और गोदौलिया का एक्यूआई 283 था। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन का स्टैंडर्ड मानक

पीएम 2.5-15
पीएम 10-45

येलो जोन में पहुंचा बनारस, एक्यूआई पहुंचा 107

दिल्ली एनसीआर का असर अब बनारस में नजर आने लगा है। पिछले सात-आठ महीने के बाद बनारस सोमवार को येलो जोन में पहुंच गया। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 107 दर्ज किया गया। इसमें सबसे अधिक प्रदूषित इलाका भेलूपुर का रहा, जिसका एक्यूआई 118 दर्ज किया गया। इसके बाद अर्दली बाजार का एक्यूआई 111, मलदहिया का 108 और बीएचयू का 90 रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार भेलूपुर का पीएम 2.5 191, पीएम 10-193, कार्बन 116, मलदहिया का पीएम 2.5-127, पीएम 10 161, कार्बन की मात्रा 154 रही। बीएचयू में तो पीएम 2.5 की अधिकतम मात्रा 187, पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 137 और कार्बन की अधिकतम मात्रा 47 रही।

शहर में चार स्थानों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स के लिए स्टेशन बनाए गए हैं। जल्द ही इनका दायरा बढ़ाया जाएगा। शहर में बढ़ रहे प्रदूषण की निगरानी कराई जा रही है। जो भी जरूरी इंतजाम होंगे कराए जाएंगे। - एससी शुक्ला, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी।

बरतें सावधानी, मास्क का करें इस्तेमाल

शहर में वाहनों की बढ़ रही संख्या और हवा में धूल के कण प्रदूषण का स्तर बढ़ा रहे हैं। इससे हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की बढ़ रही मात्रा फेफड़ों के लिए खतरनाक है। ठंड के कारण सुबह और शाम एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है। ऐसे मौसम में दमा व सांस रोगियों और बुजुर्गों को सतर्क रहने की जरूरत है। बाहर निकलते समय मास्क लगाकर निकलें। - डॉ. अतुल सिंह, मेडिकल ऑफिसर, मंडलीय चिकित्सालय

रिपोर्ट- श्वेता सिंह

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