चन्दौली कमालपुर।भागवत कथा मुक्ति का सोपान मुक्ति की सीढ़ी है। अगर हम अपने जीवन में मुक्ति पाना चाहते हैं तो भागवत की कथा अवश्य सुननी चाहिए। जिस व्यक्ति का कल्याण श्राद्ध आदि से भी नहीं होता उसकी मुक्ति भागवत कथा से हो जाती है।उक्त बातें कथावाचक शिवम द्विवेदी ने पिपरी गांव में आयोजित भागवत कथा के सातवें दिन कही।
उन्होंने कहा कि भागवत कथा मुक्ति का सबसे सरल और सुगम मार्ग है।किसी को बेटी सौभाग्य से व बेटा भाग्य से होता है।नारायण व शिव में कोई अंतर नहीं होता है।कन्यादान दुनिया का सबसे बड़ा दान बताया गया है। क्योंकि दूसरा दान करने के बाद मन में कहीं न कहीं अभिमान आने का भय रहता है। लेकिन कन्यादान ऐसा दान है।जिससे अभिमान नहीं आता बल्कि अभिमान का नाश हो जाता है।आज हमारे समाज में भ्रूण हत्या एक बहुत बड़ा कलंक बना हुआ है।जबकि भ्रूण हत्या के समान संसार में दूसरा कोई पाप नहीं है।सुदामा व कृष्ण की दोस्ती संसार को एक संदेश देता है।प्रभु श्रीकृष्ण बताते है कि व्यक्ति को सत्ता मिल जाए।यह सुखद एहसास है।बावजूद उसके पास विवेक नहीं हो तो उसका समापन सुनिश्चित है।संगीतमय श्रीमद भागवत में पंडित अखिलेश द्विवेदी, पंडित संसार पाठक का सराहनीय योगदान रहा।कथा का रसपान करने वालों में पूर्व सांसद प्रतिनिधि व पूर्व प्रधान रमेश राय,आनंद राय, रजत राय,आशुतोष राय, राघवेंद्र राय, श्रीमय राय, मोहन राय,आलोक राय, चक्रधारी राय, अवध बिहारी राय, मदन राय, शशि राजभर, रमेश प्रजापति,बंधु राम, दिनेश सिंह,रामलाल राम, रिजवान अली, मंजू, हीरावती, मीरा,प्रीति, विभा,माया, कृष्णावती देवी आदि रहे।
रिपोर्ट अलीम हाशमी