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वाराणसीः तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली बंपर जीत से पार्टी बेहद उत्साहित है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस जीत ने एनर्जी बूस्टर का काम किया है। सबसे बड़े सियासी सूबे यूपी में भी अब बीजेपी ने मिशन-80 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
इसके लिए पार्टी ने अपना एडजस्टमेंट प्लान तैयार किया है। यह केवल पार्टी संगठन में ही नहीं, बल्कि सरकार में भी इम्प्लीमेन्ट होगा। संगठन से लेकर सरकार तक में बदलाव देखने को मिलेंगे।

क्षेत्रीय और जिले की टीम में होंगे बदलाव

यूपी में बीजेपी ने अपने संगठन को 6 क्षेत्रों में बांटा है। इसके अलावा संगठन के लिहाज से पार्टी के 98 जिले हैं। 20 नवंबर को पार्टी ने 60 से ज्यादा जिलों के प्रभारी को बदला था। सभी 6 क्षेत्रों के प्रभारियों को भी बदल दिया गया था। मोर्चों के प्रभारी भी उसी दिन बदले गए थे।
लेकिन, मार्च महीने में जब से 6 क्षेत्रीय अध्यक्षों की नियुक्ति हुई है, तब से क्षेत्रीय टीम में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। इसीलिए अब क्षेत्रीय टीम में 22 से 23 पदाधिकारी शामिल होते हैं। इसमें क्षेत्रीय अध्यक्ष के अलावा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष, क्षेत्रीय महामंत्री क्षेत्रीय मंत्री, क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष और क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी शामिल होते हैं।
वहीं, सभी 98 संगठनात्मक जिलों में जिला अध्यक्षों को भी अपनी टीम में कुछ बदलाव करने की मंजूरी जल्द मिल सकती है। जिले की टीम में भी 21 पदाधिकारी होते हैं। जिनमें जिला महामंत्री, जिला उपाध्यक्ष, जिला मंत्री आते हैं। ये सारे बदलाव 15 दिसंबर तक होने की पूरी संभावना है।

मोर्चों के अध्यक्ष भी बदले जाएंगे

राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में बीजेपी ने जिस तरह से क्लीन स्वीप किया है, उससे पार्टी संगठन इस बात को लेकर आश्वस्त है कि यूपी में पार्टी 2014 और 2019 के रिकॉर्ड को 2024 के लोकसभा चुनाव में तोड़ेगी।

संगठन में कुछ बदलाव तो हुए, लेकिन कई बदलाव करने के लिए इन चुनाव नतीजों का इंतजार किया जा रहा था। क्योंकि, पार्टी संगठन से जुड़े तमाम लोग इन राज्यों में चुनाव में व्यस्त रहे। अब जब नतीजे मनमाफिक आ गए हैं, तो संगठन में बदलाव की तैयारी लगभग अंतिम चरण में है।
प्रदेश में पार्टी के टॉप लीडरशिप ने लगभग इस पर मंथन भी पूरा कर लिया है। जल्द केंद्र से स्वीकृति लेकर नाम घोषित कर दिये जाएंगे। बीजेपी के सात अलग-अलग मोर्चे उत्तर प्रदेश में है। इनमें युवा मोर्चा, किसान मोर्चा, महिला मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा, पिछड़ा वर्ग मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा और अनुसूचित जनजाति मोर्चा शामिल है।

छोटी होगी मीडिया टीम

बीजेपी अपनी मीडिया टीम में भी बदलाव करने वाली है। अगर वर्तमान की बात करें, तो इस वक्त पार्टी में 16 प्रवक्ता हैं। एक मीडिया प्रभारी के साथ चार सह मीडिया प्रभारी भी हैं। इसके अलावा मीडिया पैनलिस्ट भी है। लेकिन, अब पार्टी की तैयारी इस जंबो टीम को छोटा करने की है।
पार्टी की तैयारी ऐसे लोगों को मीडिया टीम में जगह देने की है, जो पार्टी की रीति नीति के साथ तार्किक ढंग से विपक्ष के हर सवाल का बेबाकी से जवाब दे सकें। चर्चा इस बात की है कि वर्तमान प्रवक्ताओं में 9 से 10 प्रवक्ताओं को हटाया जा सकता है।
अधिकतम 8 प्रवक्ता पार्टी बना सकती है। एक या दो नए चेहरों को भी इस टीम में जगह मिल सकती है। वहीं 2 से 3 सह प्रभारियों को हटा कर नए लोगों को वहां जिम्मेदारी दी जा सकती है। जबकि 12 मीडिया पैनलिस्ट हैं। 

रिपोर्ट- धनेश्वर साहनी

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