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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी इलाके से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने 6 जून को एक टीवी चैनल को बयान दिया ।

इसमें उन्होंने गाजियाबाद पुलिस पर आरोप लगाया था कि उनके गनर हटा दिए गए। कुछ पुलिस अफसरों ने सपा के एजेंट के तौर पर काम किया, जिसकी वजह से भाजपा को यूपी में कम सीटें मिलीं। विधायक

के इस बयान पर पुलिस उपायुक्त ने 7 जून को प्रेस नोट जारी कर आरोपों का खंडन किया। प्रेस नोट में कहा गया था कि विधायक के पास सरकार द्वारा स्वीकृत दो गनर हैं, जो बरकरार हैं।

गाजियाबाद पुलिस की ओर से जारी बयान के बाद भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर आपा खो बैठे। 7 जून की शाम को ही उन्होंने यूपी के अपर मुख्य सचिव (गृह) और विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा।

विधायक ने सीधे आरोप लगाया कि ‘गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर विपक्ष से मिलीभगत कर मेरी हत्या की साजिश रच रहे हैं। चुनाव में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को सुरक्षा दी गई और मेरी सुरक्षा हटा दी

गई। ऐसे असुरक्षित माहौल में मैं यहीं रहूं या दूसरे राज्य में शरण लूं।’

जब इस मामले में गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा- मेरा कोई पक्ष नह

 

 

 

 

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