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उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को 43 सीटों पर मिली हार के बाद अब संगठन के स्तर पर हलचल तेज हो गई है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी में 80 सीटों की जीत का लक्ष्य रखी थी लेकिन महज 33 सीटो पर ही सिमट गई ।
वहीं भाजपा के वोट बैंक में भी करीब 8 फीसदी का नुकसान होता दिख रहा है। इन सभी चीजों को लेकर अब केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा समीक्षा शुरू हो गई है कि ऐसी चूक कहां हुई? इसके लिए जिम्मेदार कौन है?जिसको लेकर उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को दिल्ली बुलाया गया है। वहीं, प्रदेश संगठन महामंत्री भी दिल्ली तलब किए गए हैं।
हार की होगी समीक्षा, जवाबदेही होगी तय
उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से महज 33 सीटों पर भाजपा जीत कर पाई है। वहीं, सहयोगी दलों के खाते में तीन सीटें आई हैं। दूसरी तरफ, इंडिया गठबंधन ने 43 सीटों पर कब्जा जमाया है। अकेले समाजवादी पार्टी ने 37 सीटों पर जीती हैं।
वहीं, कांग्रेस के खाते में 6 सीटें आई हैं। एक सीट आजाद समाज पार्टी के पास गई है। भाजपा की इस करारी हार को लेकर बड़े स्तर पर चर्चा शुरू हो गई है।
दरअसल 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अच्छे प्रदर्शन के कारण ही भाजपा पूर्ण रूप से केंद्र की सत्ता पर काबिज़ हो पाई थी। वही अब यूपी में 43 सीटें हारने के बाद स्थिति यह है कि केंद्र में सरकार तो बनेगी लेकिन कब तक चलेगी इसका कोई पता नहीं है।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को दी गई गलत जानकारी
उत्तर प्रदेश की 80 में से 75 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। और सूत्री की माने तो भाजपा की ओर से उम्मीदवार को लेकर उनकी क्षेत्र में छवि किस प्रकार की है
इसकी जानकारी देने की जिम्मेदारी संगठन की थी। लेकिन पार्टी ने निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बदलने की मांगों को नजरअंदाज किया। जिसकी गलत रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को दी गई। इस प्रकार के आरोप हार के बाद लगने लगे हैं।
प्रदेश अधक्ष भूपेंद्र चौधरी सौप सकते है इस्तीफा
भाजपा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी इस लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार के बाद स्वतः अपना इस्तीफा सौंप सकते है। ऐसे में अब यह केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर है कि इस्तीफा स्वीकार करते है या नहीं।
संगठन में भी होंगे कई उलट फेर
वहीं भाजपा के सूत्रों की माने तो इस हार के बाद केंद्रीय नेतृत्व यूपी के संगठन से भी नाखुश नजर आ रहा है जिसको लेकर अब समीक्षा की जा रही है
और उसके बाद यूपी के प्रदेश से लेकर जिला अस्तर की इकाइयों पर संगठन में कई बड़े बदलाव देखे जाएंगे। वही यह भी जानकारी दी जा रही है कि एक बार फिर से यूपी की कमान राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सुनील बंसल अपने हाथ में लेंगे।