डाला /सोनभद्रः इस बार कड़ाके की ठंड का आगाज दिसंबर महीने के अंतिम सप्ताह से शुरू हुआ और एक जनवरी को भगवान भास्कर पर कोहरा भारी पड़ा। लेकिन कड़ाके की ठंड से आम जनता सहित पशु पक्षी भी बेहाल हैं. प्रशासन द्वारा किसी भी चट्टी चौराहे पर एवं आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अलाव जलाने की व्यवस्था अभी तक नहीं किया गया है.
तेजी से बदलते मौसम और पड़ रही कड़ाके की ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी ने जनपद में दिन में भी अलाव जलाए जाने के लिए निर्देशित संबंधित विभाग को किया है. जिसके बावजूद भी डाला नगर पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी ग्राम पंचायत के प्रधान व सचिव मिले आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे है.
डाला नगर में केवल खानापूर्ति कर कुछ जगहों पर लकड़ी गिरवा दिया जो गिली है जिसको रहवासी जलानें का प्रयास किया लेकिन विफल रहे. जहां जरूरत है वहां पर अलाव नहीं जल पा रहा है लेकिन आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों अभी तक कोई अलाव की व्यवस्था नहीं की गईं है. अलाव नहीं जलने के कारण दुर दराज से आने वाले राहगीरों व स्थानीय लोग ठंड से ठिठुरते नजर आ रहे और ठंड से राहत मिल सके जिसके लिए वह बाजार में स्थित होटलो के भट्ठी का सहारा ले रहे हैं.
अब तक नगर के सार्वजनिक जगहों पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है. सेक्टर सी मोड़, ओबरा मोड़ लाल बत्ती, बस स्टैंड डाला झुलन टाली,बचाऊ के चाय दुकान के पास सेक्टर बी चौराहा डाला चढाई समेत नगर के सभी सार्वजनिक जगहों पर अलाव जलाया जाना चाहिए जहां पर राहगीर, ईरिक्शा चालक, दिहाड़ी मजदूर, फुटपाथ पर जीवन यापन करने वाले भी ठंड से परेशान रहते हैं.
आपको बतादूँ कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण रोजमर्रा के जीवन यापन करते हैं और वह रोज सुबह इस कड़ाके की ठंड में जब चौराहे चट्टी पहुचते है तो वहां अलाव की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें इस कड़ाके की मार को भी झेलनी पड़ती हैं. इस समस्या को लेकर लोगों द्वारा शासन प्रशासन से अलाव की मांग की हैं ताकि पड़ रही कड़ाके की ठंड से कुछ तो राहत मिल जाए.
रिपोर्ट- अशोक कनौजिया