वाराणसी। विवाहिता को दहके लिए प्रताड़ित करने और उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में जेठ को कोर्ट से राहत मिल गई। फास्ट ट्रैक कोर्ट मनोज कुमार की अदालत ने नियामताबाद, अलीनगर (चंदौली) निवासी आरोपित मनीष तिवारी को एक-एक लाख रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव, देव प्रसाद व नितेश सिंह ने पक्ष रखा।
⚡️अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता ने लंका थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसकी शादी 18 अप्रैल 2024 को कैलाश मठ लान से प्रवीण तिवारी के साथ हुआ। शादी के बाद जब वह ससुराल गई तो उसके पति प्रवीण तिवारी, ससुर बेचन तिवारी व उसके जेठ मनीष तिवारी के साथ अन्य लोग दहेज के लिए आएदिन प्रताड़ित करने लगे। साथ ही उसके ससुर और जेठ आए दिन उसके साथ अश्लील हरकत करने लगे। जब उसने इसकी शिकायत अपने पति और जेठानी से की तो सभी उसे गालियां देते हुए मारने-पीटने लगे। साथ ही उसके जेठ जबरन उसके कमरे में घुस आए और उसके साथ जबरदस्ती करने लगे। शोर मचाने पर जब परिवार वाले वहां पहुंचे तो जेठ को कुछ कहने के बजाय उल्टा उसे ही मारने-पीटने लगे। जिससे उसकी तबियत खराब हो गई तो वे लोग एक डॉक्टर बुलाकर उसे कोई इंजेक्शन लगवाने लगे। जिससे वह बदहवास हो जाती थी और इसका फायदा उठाकर उसके जेठ उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म करते और बदहवास होने की वजह से वो बेजान सी बस देखती रहती थी। इस बीच 05 जुलाई 2024 को उसकी तबीयत एकाएक बहुत ज्यादा खराब हो गयी बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने की वजह से उसके ससुराल वाले उसे बीएचयू लाकर भर्ती किए और उसके पिता जी और भाई को फोन कर बुलाये। पिता जी के आने के बाद ससुराल वाले उसे छोडकर चले गये। 6 दिन तक उसका ईलाज होने के बाद 11 जुलाई 2024 को लेकर सीधे ससुराल ले गये, तब ससुराल वालों ने उसे घर में रखने से इनकार कर दिया। कई बार कहने पर वो लोग उसे और उसके पिता को गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने लगे।