1. आर्थिक नीतियों पर असहमति- उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने सरकारी खर्चों को लेकर मतभेद के चलते इस्तीफा दे दिया था, जिससे ट्रूडो की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठे।
2. अमेरिका के साथ व्यापार तनाव- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडाई उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी ने कनाडा की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ाया, जिससे ट्रूडो की सरकार की चुनौतियां बढ़ीं।
3. पार्टी के भीतर असंतोष- सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के कई सांसदों ने ट्रूडो के नेतृत्व पर असंतोष जताया और उनके इस्तीफे की मांग की, जिससे उनकी स्थिति कमजोर हुई।
4. जनता में घटती लोकप्रियता- हाल के सर्वेक्षणों में ट्रूडो की लोकप्रियता में गिरावट दर्ज की गई, जिससे उनके नेतृत्व पर दबाव बढ़ा।
इन सभी कारणों के चलते जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।