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चंदौली हाजी मरहुम उस्ताद बसीर अहमद  की प्रथम पुण्यतिथि हाजी साहब के परिवार एवं लछिमन बिरहा, कजरी कौवाली ,अखडा के युवराज कवि सुरेश प्रसाद कुशवाहा 'पूर्वांचली' द्वारा कार्यक्रम आयोजित हुई । जिसमे नामी गिरामी कवि,कौवाल,गायक उपस्थित रहे

 

हाजी बशीर का जन्म 1933 में हुआ था । ये अपने पारिवारिक कार्य के साथ गायकी का कार्य इतना आगे बढ़ाया की कजरी, कौवाली, शायरी में कई प्रदेशों में परचम लहराया । कलकत्ता भचिर्यावुर्ज में रहकर हिंदी उर्दू ,बांग्ला, इंग्लिश अन्य कई भाषाओं में अपना गीत प्रस्तुत किया। एक बार  कोलकाता में कौवाली का जुबानी कार्यक्रम एक बंगाली लेडिज से हुआ जो अपने आप में बंगाल को मशहूर गायिका थी

 

। सने बंगाली में कुछ प्रश्न कर इनको मात देना चाहती थी । उसका  दाब उल्टा पड़ा । और कौव्वाल बशीद साहब का सटीक जवाब सुनकर सारे बंगाली लोग खड़े होकर शाबाशी दी और उसी दिन से बंगाल 'टाइगर' का खिताब मिला।

 


 गुरु पूर्णिमा पर प्रथम प्रस्तुति का कार्यभार आजीवन पूर्ण की । प्रथम पुण्डतिथि पर समकक्ष कवि जवाहर मौर्य, कवि रामधार मौर्य ,काशीनाथ हवाई ,बंशीधर , कवि मंगल शाह यादव, पूज्य उक्त हरिद्वार, निहबल, बालचरण यादव, डाo मन्नू चुनार सहित बिहार से गुड्डन लाल यादव, सुषमा यादव सोनभद्र से, मीना कौशल ,सुधा शिवानी, चंदा चांदनी, परम पूज्य कवि सिद्धनाथ, कवि सूर्य नाथ आदि सहित ने परिवार के मकसूद आलम, शकूर अहमद, झुल्लन अहमद सहित परिवार की महिलाओं ने कलाकारों का हौसला बढ़ाया ।

 

इस दौरान विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव,राजेश विश्वकर्मा,भानु प्रताप यादव,आनन्द सिंह,रामविलास गुप्ता आदि उपस्थित थे । अध्यक्षता ज्ञान प्रकाश ज्ञानू किया ।

 

रिपोर्ट अलीम हाशमी

 

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