Shaurya News India
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वाराणसी।  छठ पूजा व व्रत का प्रारंभ हिन्दू माह कार्तिक माह के शुक्ल की चतुर्थी तिथि से होता है और षष्ठी तिथि को कठिन व्रत रखा जाता है तथा दूसरे दिन सप्तमी को इसका पारण होता है। छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का प्रचलन और उन्हें अर्घ्य देने का विधान है। छठ पूजा का व्रत महिलाएं अपनी संतान की रक्षा और पूरे परिवार की सुख शांति का वर मांगाने के लिए करती हैं। मान्यता अनुसार इस दिन निःसंतानों को संतान प्राप्ति का वरदान देती हैं छठ मैया। छठ पूजा का चौथा दिन बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इस दिन को ऊषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है।

इस दिन सुबह उगते हुए सूर्य को नदी के घाट पर जाकर अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन महिलाएं छठी मैईया और सूर्य भगवान की आराधना करते हैं और अपनी संतान की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। इसी क्रम में आज अस्सी घाट पर लाखों की संख्या में महिलाएं उगते हुए सूर्य को आगे देने के लिए पहुंची है।

इस दौरान घाट पर पहुंचे लोगों ने जमकर आतिशबाजी किया। वही प्रति महिलाएं नहा धोकर हाथों में दीपक लेकर घाटों पर पहुंची है। पूरी आस्था और विश्वास के साथ यह महिलाएं भगवान भास्कर को अर्घ देंगे। किन्नर समाज ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया पूरे विधि विधान के साथ पूजन करते हुए दिखाई दी समाज को ऐसा संदेश दिया भगवती की आराधना कोई भी समाज कर सकता है वहीं अगर सुरक्षा की बात करें तो समस्त घाटों पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स एनडीआरफ लगाया गया है। 

रिपोर्ट- धनेश्वर साहनी

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