महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, सीएम योगी के गोरखपुर समेत सूबे के 7 शहरों में मुख्यमंत्री महिला श्रमजीवी छात्रावास खोले जाएंगे। महानगरों में कामकाजी महिलाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने उन्हें सुरक्षित वातावरण देने के लिए यह कदम उठाया है।
एक हॉस्टल बनाने में लगभग 47 करोड़ 75 लाख रुपए खर्च होंगे। हॉस्टल का संचालन केंद्र और प्रदेश सरकार संयुक्त रूप से करेगी।
पहले जानिए, किन शहरों में बन रहा वर्किंग वुमेन के लिए हॉस्टल
वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, कानपुर, झांसी, आगरा, मेरठ में मुख्यमंत्री महिला श्रमजीवी हॉस्टल खोला जाएगा। लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में महिला कल्याण निगम की तरफ अभी दो वर्किंग वूमेन हॉस्टल का संचालन किया जा रहा है।
महिलाओं को छात्रावास में क्रेच के साथ मिलेंगी ये सुविधाएं
मुख्यमंत्री श्रमजीवी महिला छात्रावास में 500 महिलाओं के ठहरने की व्यवस्था होगी। कैंपस में सीसी कैमरा, शिशु सदन (क्रेच) की सुविधा के साथ अनवरत विद्युत के लिए जेनरेटर, डिपार्टमेंटल स्टोर, कैंटीन, जिम, ऑडिटोरियम, वाहन पार्किंग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा के साथ ही सुरक्षा के लिए वार्डेन, सुरक्षा कर्मी तैनात होंगे।
एक छात्रावास के निर्माण पर खर्च होंगे
एक छात्रावास के लिए सरकार ने कम से कम 6640 वर्ग मीटर जमीन तय की है। छात्रावास का निर्माण कार्यदाई संस्था राजकीय निर्माण निगम करेगा। कुल 07 शहरों में होने वाले निर्माण पर लगभग 334 करोड़ 25 लाख रुपए खर्च होंगे।

