सृष्टि के प्रारंभ में जब केवल सूर्य, पृथ्वी, गगन, वायु,अग्नि ही थे ,तो मानव इन्हीं शक्तियों की आराधना किया करता था। और उसमें कोई जाति भेदभाव नहीं था।
आज जातिविहीन समाज को आगे बढ़ाना है। आज आवश्यकता इस बात की है कि अपने दायित्व का यथाशक्ति हम निर्वहन करते हुए अपनी संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करें। भारतीय त्योहार, पर्व और महत्वपूर्ण दिवस हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का कार्य करते हैं।
नव वर्ष अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्र कार्यवाहक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वीरेंद्र जायसवाल जी ने भारतीय नव संवत संवत्सर 2082की सभी को शुभकामनाएं दीं।
आज संस्कार भारती काशी महानगर की ओर से शिवाला घाट पर नव संवत्सर का अभिषिंचन समारोह मनाया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ कांची मठ के सुब्रमण्यम मणी जी के साथ बटुकों द्वारा मंगलाचरण , वैदिक मंत्रों का सस्वर पाठ से हुआ। तत पश्चात उपस्थित सभी अतिथियों ने उदयमान भगवान भास्कर का गंगा के तट से अर्ध्य अर्पित कर शंख ध्वनि मन्त्रॉचार के साथ नव वर्ष का अभिनंदन किया गया।
तत्पश्चात कुटुंब और संगत विद्यालय के छात्रों द्वारा सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। साथ ही सुरभि संस्थान की छात्रा ने बांसुरी वादन करके सबका मन मोह लिया ।
इस कार्यक्रम में विभाग प्रचारक नितिन जी संस्कार भारती के प्रांत संगठन मंत्री दीपक शर्मा, संस्कार भारती प्रदेश अध्यक्ष अवधेश मिश्रा, प्रेम नारायण सिंह, प्रमोद कुमार पाठक, उमेश भाटिया, नवीन चंद्र, सुनैना कट्टा वर्मा अर्पित सीधोरे,मनोज जी कुटुंब परिवार के आशीष जी, पूजा सिंह
और बड़ी संख्या में सामान्य जन व गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे ।
रिपोर्ट रोशनी