सारनाथ थानाध्यक्ष को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के बावजूद 25 दिन बाद भी मुकदमा न दर्ज करना भारी पड़ सकता है। इस लापरवाही को कोर्ट ने गंभीर प्रकरण मानते हुए थानाध्यक्ष को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने इस आशाय की जानकारी पत्र के माध्यम पुलिस आयुक्त को भी भेजवाई है।
मामला एक महिला से जुड़ा है। जिसमें उसका आरोप है कि पति से अलग होने के बाद महिला को एक सिपाही ने झांसे में लिया। उसका शारीरिक, मानसिक शोषण किया, साथ ही उसका धर्म भी परिवर्तन कराया और उससे लाखों रुपए भी हड़पे।
गाजीपुर निवासी सिपाही पर लगा है आरोप
जानकारी के अनुसार सारनाथ थाना क्षेत्र के बुद्धा सिटी फेज-1 कालोनी में रहने वाली एक महिला ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। महिला ने आरोप लगाया था कि अपने पति से अलग होने के बाद उसका गाजीपुर के मुहम्मदाबाद निवासी यूपी पुलिस में सिपाही मोहम्मद यासीन से परिचय हुआ। बातचीत के बाद सिपाही ने उसे शादी का झांसा देना शुरू किया और मजबूरी का फायदा उठाने लगा।
कोर्ट ने मांगा है स्पष्टीकरण
इस मामले में कोर्ट ने 25 दिन पहले सारनाथ थानाध्यक्ष को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। इस आदेश की अवहेलना पर कोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।

