Shaurya News India
इस खबर को शेयर करें:

दिल्लीः पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के फर्जी ढंग से शस्त्रत्त् लाइसेंस लेने के मामले में 12 मार्च को फैसला आने की संभावना है। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश कुमार गौतम की कोर्ट में पिछली तिथि 27 फरवरी को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो गई थी। तब कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 12 मार्च की तिथि नियत की थी।


पिछली तिथि पर कोर्ट में आरोपी मुख्तार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने लिखित बहस के साथ सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की कुछ रूलिंग दाखिल की थी। अभियोजन की ओर से अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ला व एडीजी सी विनय सिंह ने भी रूलिंग दाखिल की थी।


प्रकरण के मुताबिक मुख्तार अंसारी ने दस जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया था। गीजापुर के तत्कालीन डीएम एवं एसपी के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्रत्त् लाइसेंस ले लिया था। मामला उजागर होने पर सीबीसीआईडी ने चार दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद एवं अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध कोर्ट में 1997 में आरोप पत्र दाखिल किया गया। सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो गई थी। इस केस में पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और पूर्व डीजीपी देवराज नागर समेत दस गवाहों के बयान दर्ज हुए थे।

इस खबर को शेयर करें: