।कोलकाता की मुस्लिम बस्ती से हाल ही में बरामद की गईं सगी बहनों के बयान ने पुलिस और प्रशासन को चौंका दिया है। बरामदगी के बाद दोनों बहनों से पुलिस ने लंबी पूछताछ की, जिसमें उन्होंने कई अहम जानकारियां साझा कीं, लेकिन उनके रुख ने जांच को एक नई चुनौती भी दे दी है।पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान दोनों बहनों ने उन लोगों के नाम और गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया जिनके साथ वे रह रही थीं। हालांकि, जब पुलिस ने उन्हें घर लौटने को कहा तो उन्होंने साफ शब्दों में इनकार कर दिया। दोनों का कहना है कि वे तभी घर जाएंगी जब पुलिस उन सभी लोगों को छोड़ दे जिन्हें हिरासत में लिया गया है।
बहनों ने पुलिस से भावुक अपील करते हुए कहा, "उनका कोई कसूर नहीं है। वे सब लोग धर्म के लिए काम करते हैं। अगर वे जेल चले गए तो उन्हें जन्नत भी नसीब नहीं होगी।" उनकी यह टिप्पणी पुलिस अधिकारियों के लिए बेहद चौंकाने वाली रही, क्योंकि यह उनके मानसिक और वैचारिक प्रभाव में आने की ओर इशारा करती है।
पुलिस फिलहाल दोनों बहनों के बयान को गंभीरता से लेते हुए साइकोलॉजिकल प्रोफाइलिंग और काउंसलिंग की तैयारी कर रही है। अधिकारियों का मानना है कि बहनों पर किसी विशेष विचारधारा का गहरा प्रभाव पड़ा है और उनके सोचने-समझने के तरीके को बदला गया है।
इस मामले में अब तक जिन लोगों को पकड़ा गया है, उन पर धार्मिक कट्टरता फैलाने और नाबालिगों को प्रभावित करने के आरोप हैं। पुलिस जांच कर रही है कि कहीं यह मामला "ब्रेनवॉश" या कट्टरपंथी संगठनों के नेटवर्क से जुड़ा हुआ तो नहीं है।
इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है और महिला एवं बाल कल्याण विभाग की मदद से बहनों को समझाने और उनके परिजनों से संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है। वहीं, पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी तरह की सामाजिक या सांप्रदायिक स्थिति न उत्पन्न हो।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बहनों का बयान जांच में शामिल किया जाएगा, लेकिन कानून के तहत किसी भी आरोपी को तभी छोड़ा जा सकता है जब उसके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य न हों। फिलहाल गिरफ्तार व्यक्तियों से पूछताछ जारी है।
इस घटना ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है और यह मामला अब सिर्फ एक गुमशुदगी या बरामदगी का नहीं रह गया है, बल्कि इससे जुड़े वैचारिक और सामाजिक पहलुओं की भी गहराई से जांच की जा रही है।