डिजिटल युग में बिना नकदी के भी यात्री ई-बसों में आसानी से सफर कर सकेंगे। किराया लेकर टिकट नहीं देना और फुटकर पैसे के लिए टिकट पर्ची के पीछे शेष पैसा लिखने की किचकिच से यात्रियों और परिचालकों को भी अब मुक्ति मिल जाएगी। वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की 50 ई-बसों में यात्री कैशलेस सफर कर सकेंगे।
डिजिटल भुगतान की सुविधा जल्द शुरू होगी। ई-बसों में क्यूआर कोड इलेक्ट्राॅनिक टिकट मशीन के साफ्टवेयर में अपलोड कर दिया जाएगा। परिचालक के पास यह मशीन होगी और यात्री अपने मोबाइल से स्कैन करके किराया का भुगतान कर सकेंगे। नकदी के अलावा यूपीआई की सुविधा का भी विकल्प रहेगा।
वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की बसों से रोजाना आठ से नौ हजार यात्री और हर महीने लगभग दो लाख यात्री सफर करते हैं। सबसे बड़ी दिक्कत इस समय किराये को लेकर हो रही है। फुटकर पैसे और किराया लेकर टिकट नहीं देने की शिकायतें आए दिन सामने आती रहती है।
ई-बसों में स्मार्ट कार्ड की भी सुविधा पिछली बोर्ड की बैठक में पास हुआ। तय हुआ कि यात्रियों की सुविधा के लिए डिजिटल भुगतान की व्यवस्था लागू की जाए। इससे परिचालकों को कैश ढोने की झंझट भी कम होगा और यात्रियों को भी फुटकर पैसे नहीं देने की शिकायतें भी खत्म होगी।
वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के एमडी परशुराम पांडेय ने बताया कि डिजिटल भुगतान की व्यवस्था ई-बसों में जल्द लागू कराई जाएगी। इसकी प्रक्रिया चल रही है।