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वाराणसी दोपहर लंच अवकाश पर LIC, वाराणसी मंडल के मुख्यालय मेन गेट पर सर्व प्रथम शहीद वेदी पर पुष्प अर्पित करते हुए उपस्थित साथियो द्वारा शिकागो के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया गया ततपश्चात् गगन भेदी नारे के साथ अमर शहीदों को याद किया गया l
वक्ताओं ने कहा कि मई दिवस के शहीदों को याद करना हमारी जिम्मेदारी है, सागर चटर्जी ने कहा कि पहले 15,15 घंटा काम करना पड़ता था 1886 के क्रांति की ज्वाला पूरे यूरोप में फैल गया, पांच लाख मज़दूर पूरे अमेरीका, फ्रांस को आंदोलित किए और काम, धाम ठप्प हो गया, बाध्य होकर वहाँ की सरकार 8 घण्टे काम का अधिकार का नियम बनाया।.
कामरेड पंकज गुप्ता ने कहा कि अगर उस ज़माने के लोग काम के घंटे तय करने के लिए त्याग, संघर्ष, नहीं किए होते, बलिदान नहीं दिए होते तो 8 घण्टे काम, 8 घंटे आराम, और 8 घण्टे परिवार समाज का नियम नहीं बनता l
कामरेड मनीष, कानपुर मंडल ने कहा कि मई दिवस के शहीदों को याद करना, फ़ूलों से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना हम सब की जिम्मेदारी है l
पेंशनर्स कामरेड प्रेम अग्रवाल ने विश्व मज़दूर दिवस के अवसर पर सभी भाईयो को शुभकामना दिया l
कामरेड आरती श्रीवास्तव ने दिवस को दुनिया के मज़दूर, किसान, सभी वर्किंग क्लास वर्ग के लिए सबसे बड़ा त्योहार कहीं, वो बोली कि मई दिवस के दिन दुनिया के सभी मज़दूर सभी वर्किंग क्लास वर्ग के लोगों को एक साथ मिलकर यह त्योहार मनानी चाहिए l
अपने धन्यवाद भाषण में कामरेड सुमंत कुमार ने उपस्थित जनता का शुक्रिया अदा के साथ साथ चार्टर ऑफ डिमांड पर अपनी रिपोर्टिंग की, साथी कहा कि जो अधिकार हमारे पूर्वज कुर्बानी देकर प्राप्त किए थे वो आज बहुराष्ट्रीक कंपनी के युग में वे स्वर्णिम अधिकार छिना जा रहा है, आज हमे कठिन संघर्ष करते हुए ही यह अधिकार को वापसी करनी होगी l
सभा का संचालन कामरेड नारायण चटर्जी ने किया और सभा में मुख्य रूप से सर्व श्री बिनोद श्रीवास्तव, डी सी सिंह,सागर चटर्जी, राकेश गुजराती, शैलेन्द्र मेहरोत्रा, पंकज गुप्ता, सुमंत कुमार, अशोक कुमार, जितेंद्र कुमार, भानू,आरती श्रीवास्तव, संगीता गुप्ता, योगेश पांडेय, रमेश वर्मा, लखन लाल यादव, रीता ने संबोधित किया i