वाराणसी। बाढ़ से प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने रविवार को जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार मौके पर पहुंचे। हुकुलगंज, चित्रकूट कॉन्वेंट इंटर कॉलेज और प्राथमिक विद्यालय सरैया स्थित राहत शिविरों का औचक निरीक्षण करते हुए उन्होंने व्यवस्थाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए।निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने बाढ़ पीड़ितों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याएं जानीं। उन्होंने कहा कि जो परिवार अब भी अपने घरों की ऊपरी मंजिलों पर रह रहे हैं, उन्हें समय से राहत किट और भोजन उपलब्ध कराया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी राहत शिविर अपनी पूरी क्षमता के साथ संचालित हों।
डीएम ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि शिविरों में पुरुष व महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती तत्काल सुनिश्चित कराई जाए, ताकि किसी प्रकार की असुरक्षा की भावना न रहे। उन्होंने शाम तक शिविर में ही भोजन बनाने की व्यवस्था कराने के भी निर्देश दिए।
स्वास्थ्य, साफ-सफाई को लेकर दिए निर्देश
जिलाधिकारी ने नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को साफ शब्दों में निर्देश दिया कि शिविरों की स्वच्छता में कोई कोताही न हो। शौचालयों की सफाई नियमित रूप से कराई जाए और बाढ़ से जलमग्न क्षेत्रों में एंटीलार्वा व चूने का छिड़काव लगातार चलता रहे।
डीएम ने मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) से फोन पर बात कर प्रत्येक राहत शिविर में मेडिकल टीम की स्थायी तैनाती का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि बाढ़ के बाद संक्रामक रोग फैलने की संभावना बनी रहती है, ऐसे में पहले से एहतियाती कदम उठाए जाएं।
बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान
चित्रकूट कॉन्वेंट स्कूल में बन रहे भोजन की गुणवत्ता का जायज़ा लेते हुए डीएम ने खुद रसोई का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां मौजूद खाद्य सामग्री का परीक्षण किया और स्वच्छता की स्थिति देखी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी हालत में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता या मात्रा से समझौता न हो।
इसके साथ ही, जिलाधिकारी ने राहत शिविरों में रह रहे स्कूली बच्चों से बातचीत कर उनकी पढ़ाई के बारे में जानकारी ली। उन्होंने नायब तहसीलदार को निर्देश दिया कि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए वैकल्पिक शिक्षण की व्यवस्था तत्काल की जाए।
जिलाधिकारी ने आर.के. लॉज में ठहरे बाढ़ प्रभावित लोगों को यूनाइटेड पब्लिक स्कूल में स्थानांतरित करने के आदेश दिए। इसके अतिरिक्त, सरैया स्थित प्राथमिक विद्यालय का भी निरीक्षण कर वहां रह रहे लोगों की आवश्यकताओं की जानकारी ली।
शिविरों में बिजली की आपूर्ति को लेकर भी डीएम ने गंभीरता दिखाई। उन्होंने प्रत्येक राहत शिविर में वैकल्पिक बिजली आपूर्ति के लिए जनरेटर की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा, ताकि किसी भी समय बिजली कटौती की स्थिति से निपटा जा सके।
निरीक्षण के दौरान एसीएम तृतीय, नायब तहसीलदार, लेखपाल और संबंधित क्षेत्र के पार्षद भी मौके पर मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि राहत कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।