Shaurya News India
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डाला/सोनभद्र - ओबरा-डाला संपर्क  पर उड़ते धूल से लोग परेशान हैं। पिछले 3 माह  से रेलवे पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। जिसको अनुमानित 3 माह में बना कर पूरा कर देने की बात कही गयी। वही लोग उड़ते धूल से परेशान है  स्टेट हाइवे के बनने से जहां लोगों की आस सुरक्षित यात्रा था वही वाराणसी / शक्तिनगर स्टेट हाइवे पर चोपन डाला के बीच बने रेलवे पुलिया जिसका निर्माण रेलवे के सुपरविजन में तैयार हुआ। वह भी क्रेक हो गया एक तो निर्माण के 8 वर्ष बाद भी दूसरी पुलिया का निर्माण नही हो पाया वही। दर्जनों हदशा भी हुए । लेकिन प्रशासन के कान पर जु नही रेंगा। 3 माह पूर्व जब वैष्णो मंदिर के पास रेलवे लाइन के ऊपर के गुजर रही पल के छतिग्रस्त की सूचना पर स्थानीयों को आस्वासन मिला कि मात्र 10 से 15 दिन में पुल मरम्मत कर दिया जाएगा। लेकिन आज 3 माह बाद डाला बाजार नगर वाशियों को धूल खाना पड़ रहा है। लोगों की आशा निराशा में तब्दील हो जाने से भारी परेशानी का सबब बना हुआ है।


          सड़क के उड़ते धूल से स्थानीय दुकानदार मास्क पहन कर काउंटर पर बैठते हैं। आमलोगों में सांस संबंधी जानलेवा बीमारी बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है।  ऐसी जिंदगी से रोना आता है। इस पर अब तक किसी का ध्यान क्यों नहीं गया । जहां सरकार लोगों की बेहतर जिंदगी सुधारने के लिए पूर्ण नशाबंदी कार्यक्रम चला रही है। उससे भी जानलेवा सड़क का उड़ता धूल है। इस मार्ग पर रोजाना छोटी-बड़ी हजारों गाड़ियों का आवागमन होता है। 


           नगर की सड़कों पर सरपट दौड़ रहे ओवरलोड वाहन लोगों के लिए जानलेवा बने हैं, वहीं सड़कों को भी नुकसान पहुंचा दे रहे हैं। ओवरलोडेड वाहनों के चलते आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। जिला प्रशासन, मौन बन नागरवाशीयों को बीमारी के मुह में झोंक दे रही हूं।


इसके बावजूद भारी वाहन सड़कों के साथ जिंदगी की डोर को तोड़ते निकल रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन पानी का छिड़काव करावे। अन्यथा की दशा में हम सभी रास्ता जाम कर देंगे। इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी ओबरा को भी अवगत कराया जा चुका है।

रिपोर्ट- अशोक कन्नौजिया

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